Gold Investment: क्या होता है गोल्ड ETF? सालभर में दिया 19% तक रिटर्न; जानें इसमें कैसे करें निवेश?

Gold Investment: अगर आप सोने में निवेश का विचार कर रहे हैं तो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) में पैसा लगाना एक समझदारी वाला विकल्प हो सकता है।

Updated On 2024-11-19 17:35:00 IST
Gold Price Today: सोना 24 घंटे में 1,477 रुपए महंगा, 1 लाख के करीब पहुंची गोल्ड की कीमतें; जानें ताजा रेट

Gold Investment: फेस्टिव सीजन में 31 अक्टूबर को सोना ऑलटाइम हाई लेवल पर 81,330 रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया था। लेकिन अब यहां से गिरकर 77,070 रुपए पर आ गया है। दो दिन पहले इसकी कीमतों में करीब 5000 रुपए तक की गिरावट देखी गई थी। एक्सपर्ट्स की मानें तो अमेरिका और यूके में हुई ब्याज दरों में कटौती के चलते गोल्ड ETF की खरीदारी बढ़ेगी। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जून 2024 तक सोने की कीमत 85,000 रुपए और 2030 तक 1.68 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।

अगर आप सोने में निवेश का विचार कर रहे हैं तो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF) में पैसा लगाना एक समझदारी वाला विकल्प हो सकता है। Gold ETF ने पिछले एक साल में 19% तक का रिटर्न दिया है। आइए, जानते हैं गोल्ड ईटीएफ से जुड़ी अहम बातें...

1) गोल्ड ETF क्या होता है?

गोल्ड ETF सोने के भावों पर आधारित एक निवेश विकल्प है। 1 गोल्ड ETF यूनिट = 1 ग्राम शुद्ध सोना। इसे शेयर बाजार (BSE और NSE) पर शेयर की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है। इसमें फिजिकल गोल्ड नहीं मिलता, लेकिन निवेशक को सोने के मौजूदा भाव के हिसाब से पैसे मिलते हैं।

2) कम मात्रा में निवेश की सुविधा
गोल्ड ETF के जरिए 1 ग्राम सोने के बराबर यूनिट खरीदी जा सकती है। SIP के जरिए से छोटे-छोटे निवेश करना आसान है। फिजिकल गोल्ड आमतौर पर 10 ग्राम या उससे ज्यादा की मात्रा में बेचा जाता है।

ये भी पढ़ें... चांदी कमाई के मामले में सोने से ज्यादा खरी, सालभर में गोल्ड से 15% ज्यादा दिया रिटर्न

3) शुद्धता की गारंटी
गोल्ड ETF लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के मानकों पर आधारित होता है। इसमें 99.5% शुद्धता की गारंटी मिलती है। फिजिकल गोल्ड में शुद्धता और कीमत में अंतर हो सकता है।

4) ज्वेलरी मेकिंग चार्ज नहीं
गोल्ड ETF पर सिर्फ 1% तक का ब्रोकरेज और सालाना पोर्टफोलियो चार्ज लगता है। लेकिन फिजिकल गोल्ड खरीदने पर आपको ज्वेलर और बैंकों को 8-30% तक मेकिंग चार्ज देना पड़ता है।

5) सिक्योरिटी
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड या गोल्ड ETF आपके डीमेट अकाउंट में सुरक्षित रहता है, जिससे चोरी का डर नहीं होता है। फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है।

6) खरीद और बिक्री में आसानी 
गोल्ड ETF को हाई लिक्विडिटी के कारण तुरंत खरीदा और बेचा जा सकता है। साथ ही इसे लोन के लिए सिक्योरिटी के रूप में भी यूज किया जा सकता है।

ये भी पढ़ें... सोना या शेयर 2024 में किससे चमकेगी किस्मत, पोर्टफोलियो में क्या रखना ज्यादा फायदेमंद

गोल्ड ETF में निवेश कैसे करें?
इसके लिए सबसे पहले आपको किसी ब्रोकरेज फर्म के साथ डीमेट अकाउंट खोलना होगा। यहां लॉगिन करने पर आपको NSE या BSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF की यूनिट खरीदने का ऑप्शन मिलेगा। इसमें निवेश की गई रकम आपके बैंक अकाउंट से कट जाएगी। ऑर्डर के दो दिन बाद ईटीएफ यूनिट आपके डीमेट खाते में शो होने लगेंगी। आप जब चाहें बड़ी आसानी से गोल्ड ETF को बेच सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सोने का भाव गिरने पर गोल्ड ETF में निवेश करना लॉन्ग टर्म में फायदे का सौदा हो सकता है। 

Similar News