स्कूटर-बाइक वालों से वसूला जाएगा टोल?: नितिन गडकरी और NHAI ने दी सफाई; जानिए सच्चाई
क्या दोपहिया वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाएगा? वायरल खबरों पर नितिन गडकरी और NHAI ने दिया बड़ा बयान, जानें पूरी सच्चाई। अफवाहों का सच यहां पढ़ें।
Fact Check: स्कूटर-बाइक वालों से वसूला जाएगा टोल?
Toll tax Law 2025: गुरुवार (26 जून) को सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर तेजी से वायरल हुई कि केंद्र सरकार 15 जुलाई 2025 से दोपहिया वाहनों से भी टोल टैक्स वसूलने की योजना बना रही है। इस खबर ने देशभर के बाइक और स्कूटर चालकों में चिंता पैदा कर दी।
हालांकि, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस खबर को पूरी तरह से गलत और भ्रामक बताते हुए खंडन किया है। उन्होंने अपने एक्स (X) हैंडल पर पोस्ट करते हुए साफ कहा, ''कुछ मीडिया संस्थान दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाने के बारे में भ्रामक (Fake News) खबरें फैला रहे हैं। ऐसा कोई निर्णय प्रस्तावित नहीं है। दोपहिया वाहनों के लिए टोल पर छूट पूरी तरह जारी रहेगी। सत्यता की जांच किए बिना ऐसी खबरें फैलाना स्वस्थ पत्रकारिता की निशानी नहीं है। मैं इसकी निंदा करता हूं।''
NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने भी इस मुद्दे पर आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा,''मीडिया के कुछ हिस्सों में ऐसी खबरें आई हैं कि भारत सरकार दोपहिया वाहनों पर यूजर फीस लगाने की योजना बना रही है। NHAI यह स्पष्ट करना चाहता है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। दोपहिया वाहनों से टोल वसूलने की कोई योजना नहीं है।''
यह स्पष्ट हो चुका है कि फिलहाल स्कूटर और बाइक चलाने वालों को टोल टैक्स देने की जरूरत नहीं है। वायरल हो रही खबरें ग़लत और बेबुनियाद हैं।
निजी वाहनों के लिए वार्षिक FASTag पास
इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 18 जून को एक नई पहल की घोषणा की थी कि 15 अगस्त 2025 से निजी वाहन चालकों के लिए ₹3,000 का वार्षिक FASTag पास शुरू किया जाएगा।
यह पास एक साल या 200 यात्राओं (जो पहले पूरी हो) तक मान्य रहेगा।यह योजना सिर्फ निजी उपयोग के वाहनों (कार, जीप, वैन आदि) के लिए है। इससे बार-बार फास्टैग रिचार्ज की झंझट खत्म होगी और यात्रा और अधिक सुविधाजनक होगी।
रिन्यूअल और आवेदन की प्रक्रिया के लिए जल्द ही Rajmarg Yatra App और NHAI/MoRTH वेबसाइट्स पर लिंक उपलब्ध होगा।
यह कदम राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध यात्रा और टोल भुगतान प्रणाली के सरलीकरण की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।