Tyres Safety: आखिर रबर से बने टायर काले क्यों होते हैं? जानें टायर टेक्नोलॉजी में कार्बन ब्लैक का रोल

ड्राइविंग के दौरान टायर और रोड के बीच घर्षण होता है, जिससे टायर गर्म हो जाते हैं। ऐसे में रबर में मिक्स कार्बन ब्लैक टायर के तापमान को एक जगह केंद्रित नहीं होने देता है।

Updated On 2025-12-01 17:38:00 IST

आखिर रबर से बने टायर काले क्यों होते हैं? जानें 

Tyres Safety: आज हम सभी कारों में काले टायर देखते हैं, जबकि शुरुआत में ऐसा नहीं था। प्राकृतिक रबर हल्का सफेद होता है और शुरुआती टायर भी लगभग उसी रंग के बनाए जाते थे। समय के साथ वैज्ञानिकों ने पाया कि रबर में कार्बन ब्लैक मिलाने से टायर की मजबूती, टिकाऊपन और सुरक्षा कई गुना बढ़ जाती है। यह बदलाव सिर्फ रंग बदलने का मामला नहीं था—यह एक महत्वपूर्ण इंजीनियरिंग सुधार था।

कार्बन ब्लैक कैसे बढ़ाता है टायर की मजबूती?

कार्बन ब्लैक हाइड्रोकार्बन के नियंत्रित दहन से बनने वाले बेहद सूक्ष्म कणों का समूह है। ये कण रबर के अणुओं के साथ मजबूत बंधन बनाते हैं, जिससे रबर अधिक लचीला और तन्य बन जाता है। शोध बताते हैं कि कार्बन ब्लैक रबर की संरचना को कई गुना मजबूत कर देता है, जिससे वह भारी भार, तेज ब्रेकिंग और लगातार घर्षण को आसानी से झेल लेता है। अगर टायर में कार्बन ब्लैक न हो, तो प्राकृतिक रबर जल्दी दबने, घिसने और टूटने लगेगा—यानी टायर बेकार हो जाएगा। इसलिए इसे आधुनिक टायर की मजबूती की असली रीढ़ माना जाता है।

गर्मी से सुरक्षा और लंबी उम्र

ड्राइविंग के दौरान टायर लगातार सड़क से घर्षण लेते हैं और तेजी से गर्म होते हैं। यह गर्मी रबर को नुकसान पहुंचा सकती है। कार्बन ब्लैक टायर की गर्मी फैलाने की क्षमता बढ़ाता है, जिससे तापमान एक जगह केंद्रित नहीं होता है। जिससे टायर जल्दी खराब नहीं होता, क्रैकिंग कम होती है, ब्लोआउट का जोखिम घट जाता है और टायर हजारों किलोमीटर तक अपनी गुणवत्ता बनाए रखता है।

UV और ओजोन से सुरक्षा: काला रंग क्यों जरूरी है

टायर रोज धूप, हवा और ओजोन के संपर्क में रहते हैं। UV किरणें रबर को भंगुर बनाकर उसकी संरचना तोड़ देती हैं। कार्बन ब्लैक की गहरी सतह इन किरणों को सोख लेती है और रबर की रक्षा करती है। इसके कारण टायर लंबे समय तक लचीले बने रहते हैं और जल्दी क्रैक नहीं करते।

स्टैटिक बिजली को भी बनाता है नियंत्रित

शुद्ध रबर एक अच्छा इन्सुलेटर है, इसलिए चलते समय टायर पर स्टैटिक चार्ज जमा हो सकता है। ईंधन टैंकर, हवाई जहाज़ और बड़े औद्योगिक वाहनों में यह जोखिम पैदा कर सकता है। कार्बन ब्लैक टायर को हल्का-सा चालक बनाता है, जिससे चार्ज सुरक्षित रूप से जमीन में डिस्चार्ज हो जाता है।

टायर तकनीक की यात्रा: लकड़ी से आधुनिक काले टायर तक

  • कारों के आने से पहले पहियों में लकड़ी और लोहे के बैंड का इस्तेमाल होता था—जो सीमित गति वाले वाहनों के लिए ठीक थे। मोटर कारों के आने के बाद आराम, पकड़ और सुरक्षा की जरूरत बढ़ी, और हवा भरे रबर टायर विकसित हुए। लेकिन शुरुआती रबर मजबूत नहीं था।
  • कार्बन ब्लैक के जुड़ने के बाद पूरा टायर उद्योग बदल गया। अब टायर तेज रफ्तार, भारी वजन और खराब रास्तों पर भी भरोसेमंद तरीके से चलते हैं। आज के काले टायर उसी वैज्ञानिक खोज का नतीजा हैं—जो आपकी हर यात्रा को सुरक्षित बनाते हैं।

(मंजू कुमारी)

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