Dual Cylinder: क्या है ट्विन-सिलेंडर CNG टेक्नोलॉजी? जानें फायदे और कौन है अव्वल?

कार निर्माण की नई तकनीक में एक बड़े सिलेंडर के स्थान पर 2 छोटे सिलेंडर लगाए जाते हैं। जिससे CNG कारें पहले से कहीं ज्यादा प्रैक्टिकल हो गई हैं। डिक्की में पर्याप्त स्पेस मिलता है।

Updated On 2025-09-30 20:31:00 IST

माइक्रो-SUV सेगमेंट में यह टेक्नोलॉजी लाकर Punch को और वैल्यू-फॉर-मनी बनाया गया।

Dual Cylinder: मौजूदा समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतें इतनी ज्यादा हैं कि गाड़ियों से बेहतर माइलेज निकाल पाना मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोगों के लिए CNG कारें एक बेहतर विकल्प बनकर सामने आई हैं। ये कारें पेट्रोल पर भी चलती हैं और साथ ही बेहतर माइलेज भी देती हैं। हालांकि, अब तक इन कारों की सबसे बड़ी समस्या बूट स्पेस की कमी थी, क्योंकि बड़े CNG सिलेंडर डिक्की में रखे जाते थे और लगेज के लिए जगह लगभग खत्म हो जाती थी। लेकिन Tata और Hyundai जैसी कंपनियों ने समाधान निकाला और ट्विन-सिलेंडर CNG टेक्नोलॉजी इंट्रोड्यूस की।

क्या है ट्विन-सिलेंडर CNG टेक्नोलॉजी?

जैसा कि नाम से स्पष्ट है, इसमें एक बड़े सिलेंडर की जगह दो छोटे सिलेंडर लगाए जाते हैं। इन्हें कार के बूट फ्लोर के नीचे फिट किया जाता है, जिससे डिक्की में पर्याप्त जगह बच जाती है। यह एक सरल लेकिन बेहद प्रभावी इनोवेशन है, जिसने CNG कारों को पहले से कहीं ज्यादा प्रैक्टिकल बना दिया है।

ट्विन-सिलेंडर CNG टेक्नोलॉजी के फायदे

बड़ा बूट स्पेस – अब लगेज रखने में कोई दिक्कत नहीं आती।

बेहतर बैलेंस और सुरक्षा – दो सिलेंडर कार का वजन संतुलित रखते हैं, जिससे हैंडलिंग और स्टेबिलिटी सुधरती है। इन्हें मजबूती से फिट किया जाता है, जिससे सुरक्षा भी बढ़ती है।

माइलेज और परफॉर्मेंस पर असर नहीं – इस टेक्नोलॉजी के साथ कार का परफॉर्मेंस और माइलेज वैसा ही रहता है जैसा पारंपरिक CNG कारों में होता है।

Tata Motors: ट्विन-सिलेंडर टेक्नोलॉजी की शुरुआत

टाटा मोटर्स इस टेक्नोलॉजी को भारत में सबसे पहले लेकर आई और इसे ‘iCNG’ नाम दिया। कंपनी ने अपनी कई पॉपुलर गाड़ियों में इसे पेश किया है:

Tata Altroz iCNG – भारत की पहली ट्विन-सिलेंडर CNG कार, जिसमें 150 लीटर का बूट स्पेस मिलता है।

Tata Punch iCNG – माइक्रो-SUV सेगमेंट में यह टेक्नोलॉजी लाकर Punch को और वैल्यू-फॉर-मनी बनाया गया।

Tata Tiago और Tigor iCNG – इन मॉडलों में भी ट्विन-सिलेंडर किट दी गई है। खासतौर पर Tigor CNG में 70 लीटर की टैंक क्षमता है, जो अपने सेगमेंट में सबसे ज्यादा है।

Tata Nexon iCNG – हाल ही में कंपनी ने अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली SUV, Nexon में भी यह टेक्नोलॉजी लॉन्च की है।

Hyundai भी मैदान में

टाटा की सफलता को देखते हुए Hyundai ने भी ट्विन-सिलेंडर टेक्नोलॉजी को अपनाया है और इसे ‘Hy-CNG Duo’ नाम दिया है।

Hyundai Exter Hy-CNG Duo – कंपनी की पहली कार जिसमें यह किट दी गई है। इसमें 30-30 लीटर के दो सिलेंडर मिलते हैं और यह CNG पर 27.1 km/kg का माइलेज देती है। Hyundai Grand i10 Nios Hy-CNG Duo – इसके बाद Hyundai ने अपनी पॉपुलर हैचबैक Nios में भी यह टेक्नोलॉजी पेश की है।

ट्विन-सिलेंडर CNG टेक्नोलॉजी ने CNG कारों को और ज्यादा प्रैक्टिकल और यूज़र-फ्रेंडली बना दिया है। अब ग्राहक किफायती ईंधन का फायदा उठाने के साथ-साथ पर्याप्त बूट स्पेस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। यह इनोवेशन CNG कारों के बाजार में वाकई एक गेम-चेंजर साबित हो रहा है।

(मंजू कुमारी)

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