Skoda Volkswagen India: 'सुरक्षित सड़कें, सुरक्षित भारत' वादे से इस कंपनी ने 7.20 लाख यात्रियों को फायदा पहुंचाया
स्कोडा ने SaveLIFE फाउंडेशन के साथ साझेदारी में राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर दो साल के जीरो फेटालिटी कॉरिडोर कार्यक्रम की सफल पूर्णता की घोषणा की।
Skoda Volkswagen India Surakshit Sadkein Surakshit Bharat: भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (SAVWIPL) ने SaveLIFE फाउंडेशन के साथ साझेदारी में उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के आगरा–इटावा–चकेरी खंड पर दो साल के जीरो फेटालिटी कॉरिडोर कार्यक्रम की सफल पूर्णता की घोषणा की। SaveLIFE फाउंडेशन की जेडएफसी पद्धति ने सड़क दुर्घटना मृत्यु दर कम करने के लिए एक बहुआयामी और साक्ष्य-आधारित मॉडल विकसित किया है, जो 4e- इंजीनियरिंग, इमरजेंसी केयर, एनफोर्समेंट और एजुकेशन पर आधारित है। जिसे अन्य स्थानों पर भी अपनाया जा सकता है।
NH-19 मॉडल पूरे देश के लिए उदारहण
इस ‘सुरक्षित सड़के, सुरक्षित भारत’ पहल के तहत सड़क दुर्घटना मृत्यु दर में बेसलाइन वर्ष की तुलना में 7.5% की कमी आई, जिससे 7.20 लाख से अधिक यात्रियों के लिए सड़क सुरक्षा में सुधार हुआ। यह SAVWIPL द्वारा डेडिकेटेड दूसरा विजन जीरो फेटालिटी कॉरिडोर प्रोजेक्ट है। इससे पहले मुंबई-पुणे हाईवे पहल में 61% मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई थी। सरकारी तंत्र में इन समाधानों के इंटीग्रेटेड होने के बाद, NH-19 मॉडल पूरे देश में सड़क सुरक्षा उपायों के विस्तार के लिए एक खाका प्रदान करता है।
ट्रॉमा केयर सिस्टम को मजबूत किया
नवंबर 2022 में शुरू हुए इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश के सबसे अधिक जोखिम वाले कॉरिडोर में से एक पर सुरक्षा सुधार लाना था। इसके तहत इंजीनियरिंग से जुड़ी सुरक्षा सुधार योजनाएं लागू की गईं, इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरण लगाए गए, स्थानीय जरूरत के हिसाब से असरदार साइनबोर्ड स्थापित किए गए और ट्रॉमा केयर सिस्टम को मजबूत किया गया। परियोजना टीम ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), उत्तर प्रदेश पुलिस, परिवहन विभाग, राज्य सड़क सुरक्षा समिति और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर स्थायी बदलाव और अन्य स्थानों के लिए अपनाने योग्य मॉडल तैयार किया।
> 16,000 से अधिक पहचानी गई खामियों में से 7,000+ इंजीनियरिंग खतरों का समाधान
> क्रैश बैरियर, स्पीड कंट्रोल उपाय और पैदल यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं जैसी रणनीतिक एडवांस्ट सेफ्टी
> 300+ फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स को बेसिक ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (BTLS) में प्रशिक्षित किया गया
> 150+ कमर्शियल व्हीकल ड्राइवर को एंटीसिपेटरी ड्राइविंग तकनीकों में प्रशिक्षण
> आउटडोर मीडिया और स्थानीय संपर्क के माध्यम से जागरूकता अभियान 13 स्थानों पर रणनीतिक बिलबोर्ड और ढाबा ब्रांडिंग
> फिर से डिजाइन किए गए चौराहों के लिए स्पष्ट सुरक्षा दिशानिर्देशों वाले हिंदी और अंग्रेजी पम्फलेट का वितरण
बिना डर के यात्रा करने की आजादी मिले
SAVWIPL के प्रबंध निदेशक और सीईओ, पीयूष अरोड़ा ने कहा, "हमारे लिए ऑटोमोबाइल क्षेत्र में प्रगति का अर्थ सिर्फ इनोवेशन नहीं, बल्कि सुरक्षित समुदाय बनाना भी है। हमारे मेड-इन-इंडिया मॉडल ने 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग हासिल की है, और हम इस सुरक्षा को अपनी कारों से आगे बढ़ाकर सड़कों पर भी लाना चाहते हैं। SaveLIFE फाउंडेशन के साथ NH-19 जीरो फेटालिटी कॉरिडोर यह दर्शाता है कि जब इंजीनियरिंग, प्रवर्तन, प्रशिक्षण और जागरूकता साथ आते हैं, तो जीवन बचते हैं। यह ठोस परिणाम हमारे आत्मनिर्भर भारत के उस विजन को मजबूत करता है, जिसमें स्वतंत्रता का मतलब बिना डर के यात्रा करने की आजादी भी है।"
(मंजू कुमारी)