Car Theft: टोयोटा और लेक्सस कारें हाई-टेक चोरों के निशाने पर, CANbus सिस्टम से मिनटों में हो रही चोरी

नए दौर की कारों में इलेक्ट्रॉनिक जटिलता से सुरक्षा के नए खतरे पैदा हो रहे हैं। ऐसे में वाहन मालिकों को पारंपरिक और आधुनिक दोनों उपाय अपनाने चाहिए।

Updated On 2025-11-09 14:54:00 IST

CANbus नेटवर्क का दुरुपयोग कर एक नई तकनीक से कारे मिनटों में हो रही चोरी

 

Car Theft: टोयोटा और उसकी लग्जरी ब्रांड लेक्सस विश्वभर में विश्वसनीय और टिकाऊ वाहनों के लिए जानी जाती हैं। नई हो या पुरानी, दोनों मॉडलों की बाजार में जबरदस्त मांग रहती है। लेकिन इसी लोकप्रियता के चलते अब ये हाई-टेक कार चोरों के निशाने पर आ गई हैं। हाल के महीनों में कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों में इन ब्रांडों की कारों की चोरी के मामले तेजी से बढ़े हैं। रिपोर्टों के अनुसार, चोर अब CANbus नेटवर्क का दुरुपयोग कर एक नई तकनीक से कारें मिनटों में उड़ा ले जा रहे हैं।

CANbus और CAN Invader क्या है

  • आधुनिक वाहनों में इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU), स्टीरियो, सीट, लाइट्स और अन्य सिस्टम एक-दूसरे से CANbus नेटवर्क के जरिए जुड़े रहते हैं। चोर कार के फेंडर, व्हीलवेल या हेडलैम्प सेक्शन के पास से इलेक्ट्रिकल वायरिंग तक पहुंच बनाते हैं और वहां CAN Invader नामक एक छोटा डिवाइस प्लग कर देते हैं।
  • यह डिवाइस ECU को नकली सिग्नल भेजता है, जिससे सिस्टम को लगता है कि गाड़ी की असली चाबी मौजूद है। इसके बाद दरवाजे अपने आप अनलॉक हो जाते हैं, इम्मोबिलाइज़र निष्क्रिय हो जाता है और इंजन बिना चाबी के स्टार्ट हो जाता है। सबसे खतरनाक बात यह है कि यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी अलार्म के पूरी हो जाती है।

Faraday बैग नहीं करेगा बचाव

यह हमला की-रिले अटैक से अलग है, जिसमें रेडियो सिग्नल कैप्चर कर कार स्टार्ट की जाती है। CANbus अटैक पूरी तरह फिजिकल हैकिंग पर आधारित होता है, इसलिए Faraday बैग जैसे उपाय, जो ब्लूटूथ या रेडियो सिग्नल को ब्लॉक करते हैं, इस हमले से सुरक्षा नहीं दे पाते।

कौन-से मॉडल ज्यादा प्रभावित

हालांकि यह खतरा अन्य ब्रांडों के लिए भी मौजूद है, लेकिन टोयोटा और लेक्सस के SUV और हाइब्रिड मॉडल इन चोरी के मामलों में सबसे अधिक सामने आए हैं। कई देशों में इन वाहनों की चोरी इतनी बढ़ गई है कि इंश्योरेंस कंपनियों ने इनके प्रीमियम तक बढ़ा दिए हैं।

अपनी कार को ऐसे रखें सुरक्षित

* वायरिंग तक पहुँच रोकें: फेंडर या व्हीलवेल में थर्ड-पार्टी प्रोटेक्शन शील्ड लगवाएँ।

* CANbus गेटवे ब्लॉकर: यह महंगा उपाय है, लेकिन नकली सिग्नल्स को रोकने में काफी असरदार है।

* लो-टेक उपाय: स्टीयरिंग लॉक या व्हील लॉक जैसे पारंपरिक उपाय चोरी को कठिन बना देते हैं।

* सुरक्षित पार्किंग: रोशनी, सीसीटीवी और गार्डेड जगहों पर वाहन पार्क करें।

* अलार्म और ट्रैकर सिस्टम: चोरी के बाद वाहन रिकवरी में मददगार साबित होते हैं।

* डीलर से सुरक्षा अपडेट लें: समय-समय पर सॉफ्टवेयर पैच या सुरक्षा फीचर्स की जांच करें।

आधुनिक कारों की इलेक्ट्रॉनिक जटिलता ने सुरक्षा के नए खतरे पैदा कर दिए हैं। ऐसे में वाहन मालिकों को पारंपरिक और आधुनिक दोनों उपाय अपनाने होंगे। थोड़ी सतर्कता, तकनीकी सुरक्षा और सही पार्किंग से आपकी टोयोटा या लेक्सस जैसी हाई-टेक कार भी पूरी तरह सुरक्षित रह सकती है।

(मंजू कुमारी)

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