GST Reforms: कार लोन पर दिखा जीएसटी में कटौती का असर, ग्राहकों ने कैंसिल कराए लोन

जीएसटी काउंसिल ने छोटे इंजनों वाली कारों (1,200cc तक पेट्रोल और 1,500cc तक डीजल) पर टैक्स को 28% से घटाकर 18% करने का निर्णय लिया है।

Updated On 2025-09-21 16:53:00 IST

जीएसटी दर घटने के बाद पैसेंजर व्हीकल्स की कीमतें कम हो जाएंगी और नई कार खरीदने के लिए पहले से कम लोन की जरूरत होगी

GST Reforms: 22 सितंबर से लागू होने जा रहे GST (जीएसटी) रेट कट का असर बैंकों तक पहुंचने लगा है। बड़ी संख्या में ग्राहक अपने पहले से अप्रूव कार लोन को रद्द कराने की मांग कर रहे हैं। वजह साफ है—जीएसटी दर घटने के बाद पैसेंजर व्हीकल्स की कीमतें कम हो जाएंगी और नई कार खरीदने के लिए पहले से कम लोन की जरूरत होगी।

जीएसटी काउंसिल का फैसला

सितंबर में हुई 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में छोटे इंजनों वाली कारों (1,200cc तक पेट्रोल और 1,500cc तक डीजल) पर टैक्स को 28% से घटाकर 18% करने का निर्णय लिया गया। इसका असर सोमवार 22 सितंबर से दिखेगा, जो नवरात्रि के पहले दिन के साथ मेल खाता है। इस बदलाव से कारों के अलावा साबुन, शैंपू, ट्रैक्टर और एसी समेत करीब 400 प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे।

बैंकों बढ़ी कैंसिलेशन रिक्वेस्ट

कई ग्राहक, जिनके कार लोन पहले ही मंज़ूर हो चुके थे, अब बैंकों में जाकर उन्हें कैंसिल करवा रहे हैं। उनका कहना है कि वे नई कार जीएसटी कट लागू होने के बाद ही खरीदेंगे। एक सरकारी बैंक अधिकारी के मुताबिक, "कैंसिलेशन चार्ज बेहद मामूली है, लेकिन 22 सितंबर के बाद मिलने वाला फायदा कहीं बड़ा है। इसलिए ग्राहक पुराने लोन छोड़कर, नए सिरे से प्रोसेस कराने का विकल्प चुन रहे हैं।"

बैंकों की नई पेशकश

इस समय कई बैंक ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कार और होम लोन पर प्रोसेसिंग चार्ज माफ कर रहे हैं। वहीं, सीबीआईसी (CBIC) ने स्पष्ट किया है कि अगर कार डीलर ने ग्राहक को पहले ही इनवॉइस जारी कर दिया है, तो उस पर पुरानी जीएसटी दर ही लागू होगी। लेकिन जिन ग्राहकों को अभी तक इनवॉइस नहीं मिला है, वे नई दर का फायदा उठा सकेंगे।

खरीदारों की रणनीति

श्राद्ध पक्ष (21 सितंबर तक) और टैक्स कट का इंतजार होने के कारण कार बिक्री धीमी रही। कई ग्राहक अब सोच रहे हैं कि जीएसटी कट का लाभ लेकर वे उसी बजट में बेहतर इंजन क्षमता (जैसे 1,300cc वेरिएंट) वाली कार खरीद सकते हैं, क्योंकि उन्हें लगभग 10% की बचत मिल रही है।

₹2,500 करोड़ का सेस खत्म

जीएसटी दरें घटने के साथ ही 22 सितंबर से ऑटो कंपनियों की बुक्स में अटका करीब ₹2,500 करोड़ का कंपन्सेशन सेस भी खत्म हो जाएगा। फिलहाल, कारों पर 28% जीएसटी और इसके ऊपर 1% से 22% तक कंपन्सेशन सेस लगता है। इसी वजह से छोटी पेट्रोल कारों पर टैक्स 29% से शुरू होकर SUV पर 50% तक पहुंचता है। अब 22 सितंबर से 1200 cc तक पेट्रोल और 1500 cc तक डीजल कारों पर केवल 18% जीएसटी लगेगा। इससे ज्यादा इंजन क्षमता वाली कारों पर अब भी 40% टैक्स लागू रहेगा।

CBIC चेयरमैन का बयान

सीबीआईसी चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, "कंपन्सेशन सेस एक खास उद्देश्य से लगाया गया था। अब जब यह हट रहा है, तो कंपनियों की बुक्स में जो भी क्रेडिट पड़ा है, वहीं पड़ा रहेगा।"

(मंजू कुमारी)

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