Auto News: क्या होती हैं जीरो-माइलेज यूज्ड कारें, जिनकी बिक्री पर चीन में लगा प्रतिबंध

जीरो-माइलेज यूज्ड कार’ शोरूम कीमत से काफी कम कीमत में बिकती हैं। चीन में यह प्रैक्टिस लंबे समय से चल रही है, खासकर तब से जब वहां ओवरसप्लाई और कीमतों में कटौती का दौर शुरू हुआ।

Updated On 2025-08-14 19:30:00 IST

Auto News: चीन की ऑटो इंडस्ट्री में जल्द एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। देश का इंडस्ट्री एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय पहली रजिस्ट्रेशन वाली गाड़ियों की री-सेल पर छह महीने का प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। यह कदम सीधे तौर पर उन गाड़ियों को प्रभावित करेगा जिन्हें ‘जीरो-माइलेज यूज्ड कार’ कहा जाता है।

‘जीरो-माइलेज यूज्ड कार’ क्या होती हैं?

कार निर्माताओं पर अक्सर बिक्री बढ़ाने का दबाव होता है। कई बार डिमांड से ज्यादा प्रोडक्शन होने पर स्टॉक बढ़ जाता है और इन कारों को बेच पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कंपनियां अपना सेल्स टारगेट पूरा करने के लिए गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन और बीमा खुद ही करवा देती हैं, भले ही उन्हें असली ग्राहक ने न खरीदा हो। बाद में ये गाड़ियां सेकेंड-हैंड कार मार्केट में कम कीमत पर बेची जाती हैं। चूंकि ये कारें पेपर पर फर्स्ट ओनर के नाम होती हैं, लेकिन वास्तव में चली नहीं होतीं, इसलिए इन्हें ‘जीरो-माइलेज’ कार कहा जाता है।

कम कीमत में मिलने का कारण

ऐसी गाड़ियां शोरूम कीमत से काफी कम दाम में बिकती हैं। चीन में यह प्रैक्टिस लंबे समय से चल रही है, खासकर तब से जब वहां ओवरसप्लाई और कीमतों में कटौती का दौर शुरू हुआ।

समस्या कहां है?

इस तरह की बिक्री से असली बाजार मांग का सही आंकलन नहीं हो पाता और कंपनी का प्रदर्शन कागजों पर बेहतर दिख सकता है, जिससे निवेशकों और इंडस्ट्री डेटा को गुमराह किया जाता है। खरीदारों के लिए दिक्कत यह है कि वारंटी पहली रजिस्ट्रेशन से शुरू हो जाती है, यानी गाड़ी खरीदते समय वारंटी अवधि पहले ही घट चुकी होती है। इसके अलावा, ऐसी कारों का री-सेल वैल्यू भी कम हो जाता है। कुछ निर्माता इस तरीके से नई ऊर्जा वाहनों (NEVs) पर मिलने वाली सरकारी सब्सिडी भी ले लेते हैं, क्योंकि यह सब्सिडी बिक्री संख्या पर आधारित होती है। वहीं, कुछ गाड़ियां “यूज्ड” दिखाकर उन देशों में एक्सपोर्ट की जाती हैं, जहां सेकेंड-हैंड कार आयात के नियम आसान हैं।

कदम क्या उठाए जा रहे हैं?

Auto Review के मुताबिक, चीन ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने सेकेंड-हैंड कार एक्सपोर्ट को नियंत्रित करने के लिए कोडिंग सिस्टम लागू करने का सुझाव दिया है। वहीं, चेरि और BYD जैसी कंपनियां उन डीलरों पर जुर्माना लगाने की योजना बना रही हैं जो असली खरीदार से पहले गाड़ी का लाइसेंस बनवा देते हैं। अगर ये प्रस्ताव लागू होते हैं, तो यह इस प्रैक्टिस के खिलाफ पहला राष्ट्रीय स्तर का सरकारी कदम होगा।

(मंजू कुमारी)

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