Car Insurance: क्यों जरूरी है गाड़ी का बीमा, एक्सीडेंट या चोरी के बाद कैसे मिलेगा लाभ? जानें सबकुछ
भारत में आमतौर पर दो तरह के कार इंश्योरेंस थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस और कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस उपलब्ध हैं। ग्राहक बेसिक इंश्योरेंस के साथ कई तरह के एड-ऑन कवर भी चुन सकते हैं।
Car Insurance: देश में हर महीने बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें कारें भी शामिल होती हैं। ऐसे में वाहन मालिकों के लिए कार इंश्योरेंस बेहद जरूरी हो जाता है। अगर कार चोरी हो जाए, दुर्घटना का शिकार हो जाए या फिर बाढ़, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदा से नुकसान हो, तो कार की मरम्मत का खर्च इंश्योरेंस कंपनी वहन करती है। इससे आपकी जेब पर बड़ा असर नहीं पड़ता। इसके अलावा वैध इंश्योरेंस होने पर पुलिस कार्रवाई से भी बचाव होता है।
इंश्योरेंस के प्रकार
आमतौर पर कारों के लिए दो तरह के इंश्योरेंस उपलब्ध होते हैं:
थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस – यह कानूनन अनिवार्य है और सड़क पर दूसरों को हुए नुकसान की भरपाई करता है।
कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस – इसमें थर्ड-पार्टी कवर के साथ आपकी कार को हुए नुकसान की भी भरपाई शामिल होती है।
एड-ऑन कवर और प्रकार
बेसिक इंश्योरेंस के साथ कंपनियां कई तरह के एड-ऑन कवर भी उपलब्ध कराती हैं, जिन्हें ग्राहक अपनी ज़रूरत के अनुसार चुन सकते हैं। इनमें प्रमुख रूप से जीरो डिप्रिसिएशन कवर, पर्सनल कवर, इंजन प्रोटेक्शन कवर, की रिप्लेसमेंट कवर, एनसीबी (नो क्लेम बोनस) प्रोटेक्शन और रोडसाइड असिस्टेंस कवर शामिल हैं। हालांकि ध्यान रखने वाली बात यह है कि जितने अधिक एड-ऑन चुने जाएंगे, पॉलिसी का प्रीमियम उतना ही बढ़ जाएगा।
एड-ऑन कवर का फायदा
एड-ऑन कवर लेने से पॉलिसी और अधिक फायदेमंद हो जाती है। उदाहरण के तौर पर रोडसाइड असिस्टेंस कवर होने पर कार बीच सड़क पर खराब हो जाए तो कंपनी तुरंत मदद भेजती है। की रिप्लेसमेंट कवर के तहत चाबी खो जाने पर नई चाबी बनवाने का खर्च कवर किया जाता है। जीरो डिप्रिसिएशन कवर लेने पर किसी भी तरह की मरम्मत में सिर्फ फाइल चार्ज देना पड़ता है और पूरी मरम्मत का खर्च इंश्योरेंस कंपनी वहन करती है।
(मंजू कुमारी)