FADA: ऑटो ग्राहकों को नहीं मिल रहा रेपो रेट कटौती का लाभ, RBI से निजी बैंकों पर कार्रवाई की मांग

FADA ने रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है कि देश में ब्याज दरों में रिकॉर्ड स्तर तक की गई कटौती का फायदा ऑटो रिटेल सेक्टर को नहीं मिल रहा।

Updated On 2025-07-27 16:30:00 IST

FADA: ऑटोमोबाइल डीलर्स की प्रमुख संस्था फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। संस्था का कहना है कि निजी बैंक रेपो रेट में कटौती का लाभ ऑटो लोन ग्राहकों तक समय पर नहीं पहुंचा रहे हैं, जबकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक इस दिशा में तत्परता दिखा रहे हैं।

RBI गवर्नर को पत्र भेजा

FADA ने RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है कि देश में ब्याज दरों में रिकॉर्ड स्तर तक की गई कटौती का फायदा ऑटो रिटेल सेक्टर को नहीं मिल रहा। संस्था के उपाध्यक्ष साई गिरीधर ने कहा कि कई निजी बैंक अपनी आंतरिक फंडिंग लागत का हवाला देकर ब्याज दरों में कटौती में देरी कर रहे हैं।

FADA की प्रमुख मांगें:

1. ब्याज दर लाभ समयबद्ध तरीके से ग्राहकों तक पहुंचे

FADA ने अनुरोध किया है कि RBI यह सुनिश्चित करे कि रेपो रेट में बदलाव का सीधा लाभ सभी ग्राहकों को निर्धारित समयसीमा में दिया जाए। साथ ही निजी बैंकों को निर्देशित किया जाए कि वे इस प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न करें।

2. बैंकों की फंडिंग कॉस्ट सार्वजनिक हो

पारदर्शिता बढ़ाने के लिए FADA ने सुझाव दिया है कि बैंकों की फंडिंग लागत संबंधी आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं, ताकि ग्राहक यह जान सकें कि वे वाजिब ब्याज दर पर ऋण ले रहे हैं या नहीं।

3. MSME लाभों में भेदभाव बंद हो

FADA ने आरोप लगाया कि कई बैंक MSME के रूप में पंजीकृत डीलरशिप को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं, जबकि Udyam पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के तहत अधिकांश ऑटो डीलर, वर्कशॉप और सर्विस सेंटर MSME की श्रेणी में आते हैं। RBI को स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए, ताकि MSME योजनाओं का लाभ सभी पात्र डीलरों तक पहुंचे।

4. CGTMSE योजना में डीलरशिप को शामिल किया जाए

FADA ने आग्रह किया है कि क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (CGTMSE) के तहत ऑटो डीलर और सर्विस सेंटर्स को भी शामिल किया जाए, जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

5. ऑटो लोन पर रिस्क वेट घटे

संस्था ने बताया कि बैंकों द्वारा ऑटो लोन पर 100% रिस्क वेट लगाया जाता है, जबकि होम लोन पर यह केवल 40% है। FADA ने मांग की कि ऑटो लोन पर भी रिस्क वेट को कम किया जाए, जिससे अगले 5 वर्षों में 20% तक लोन वितरण में वृद्धि संभव हो सकती है।

6. वर्किंग कैपिटल और इन्वेंट्री फंडिंग को बढ़ावा मिले

डीलरशिप की तरलता (liquidity) बनाए रखने के लिए FADA ने विशेष वर्किंग कैपिटल और इन्वेंट्री फंडिंग योजनाएं शुरू करने का सुझाव दिया है। इससे ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करना आसान होगा।

7. डीलर स्टाफ को सीधे इंसेंटिव न दें बैंक

FADA ने यह आपत्ति जताई कि कई बैंक डीलरशिप स्टाफ को सीधे इंसेंटिव दे रहे हैं, जिससे डीलरशिप की स्वायत्तता प्रभावित हो रही है। संस्था चाहती है कि RBI सभी इंसेंटिव अधिकृत डीलरशिप अकाउंट्स के माध्यम से ही देने का निर्देश दे।

8. ग्रामीण क्षेत्रों में किफायती क्रेडिट की जरूरत

FADA ने यह भी कहा कि RBI को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में वाहन लोन सस्ती दरों पर उपलब्ध हों, विशेष रूप से ईवी फाइनेंसिंग को बढ़ावा मिलना चाहिए। इससे देशभर में ऑटो सेक्टर का संतुलित विकास संभव हो सकेगा।

FADA के इन सुझावों और मांगों से यह स्पष्ट है कि ऑटोमोबाइल डीलर नेटवर्क देशभर में एक समावेशी और पारदर्शी क्रेडिट सिस्टम की जरूरत महसूस कर रहा है, ताकि वाहन खरीद को प्रोत्साहन मिल सके और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए।

(मंजू कुमारी)

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