Auto Export: दुनिया में दिखा भारतीय ऑटो सेक्टर का दम, इस साल पहली तिमाही में रिकॉर्ड एक्सपोर्ट
इंडियन व्हीकल एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी के पीछे मिडल ईस्ट और लैटिन अमेरिका जैसे इंटरनेशनल मार्केट्स की स्थिर डिमांड की प्रमुख भूमिका रही है। श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में भी रिकवरी हुई है।
Auto Export: भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ने एक बार फिर ग्लोबल लेवल पर मजबूती दिखाई है। फाइनेंशियल ईयर 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश का कुल व्हीकल एक्सपोर्ट 22% की सालाना वृद्धि के साथ 14,57,461 यूनिट्स तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 11,92,566 यूनिट्स था। यह जानकारी SIAM (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) की ताज़ा रिपोर्ट में सामने आई है।
पैसेंजर व्हीकल्स: रिकॉर्ड ब्रेकिंग एक्सपोर्ट
पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट ने इस तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया। अप्रैल-जून 2025 के दौरान भारत से 2,04,330 कारें एक्सपोर्ट की गईं, जो कि 13% की सालाना वृद्धि दर्शाती हैं।
- Maruti Suzuki इस सेगमेंट की लीडर रही, जिसने 96,181 यूनिट्स का निर्यात किया — जो कि पिछले साल की तुलना में 37% ज्यादा है (FY25 Q1: 69,962 यूनिट्स)।
- Hyundai Motor India ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 48,140 यूनिट्स विदेश भेजीं, जो कि 13% की ग्रोथ है (FY25 Q1: 42,600 यूनिट्स)। इसी के साथ Hyundai, देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्यातक कंपनी बनकर उभरी है।
टू-व्हीलर्स और कमर्शियल व्हीकल्स में निर्यात में तेजी
टू-व्हीलर सेगमेंट में 23% की सालाना बढ़त देखने को मिली। इस तिमाही में 11,36,942 यूनिट्स विदेश भेजे गए, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह संख्या 9,23,148 यूनिट्स थी। कमर्शियल व्हीकल सेगमेंट ने भी मजबूत प्रदर्शन किया, जिसमें 23% की सालाना वृद्धि के साथ निर्यात बढ़कर 19,427 यूनिट्स तक पहुंच गया।
थ्री-व्हीलर सेगमेंट में सबसे तेज़ ग्रोथ
थ्री-व्हीलर सेगमेंट ने इस तिमाही में सबसे तेज़ वृद्धि दर्ज की, जहां 34% की शानदार ग्रोथ के साथ 95,796 यूनिट्स का निर्यात किया गया। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में एक बड़ी छलांग को दर्शाता है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिला समर्थन
SIAM के अनुसार, इस ग्रोथ के पीछे प्रमुख भूमिका मिडल ईस्ट और लैटिन अमेरिका जैसे इंटरनेशनल मार्केट्स की स्थिर डिमांड की रही। इसके अलावा, श्रीलंका और नेपाल जैसे पड़ोसी देशों में रिकवरी, जापान से निर्यात मांग में इज़ाफा, और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTAs) ने भी भारत के ऑटो एक्सपोर्ट को मजबूत बढ़ावा दिया।
(मंजू कुमारी)