US Update: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन, जानें क्या था भारत से खास कनेक्शन

Jimmy Carter Death
X
Jimmy Carter Death: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार  (29 दिसंबर) की रात निधन हो गया।
Jimmy Carter Death: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने रविवार रात जॉर्जिया स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली। वे 100 वर्ष के थे। जानें कार्टर का भारत क्या था खास कनेक्शन।

Jimmy Carter Death: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार (29 दिसंबर) की रात निधन हो गया। जिमी कार्टर ने 100 साल की उम्र में जॉर्जिया स्थित अपने घर में आखिरी सांस ली। कार्टर अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति थे। कार्टर का कार्यकाल 1977 से 1981 तक रहा। जिमी कार्टर अमेरिकी इतिहास में सबसे अधिक समय तक जीवित रहने वाले राष्ट्रपति के रूप में जाने जाते हैं। जिमी कार्टर मेलानोमा नामक स्किन कैंसर से जूझ रहे थे। कार्टर फरवरी 2023 में डॉक्टरों ने उन्हें हॉस्पिटल में रखने से इनकार कर दिया था। इसके बाद से वह हॉस्पिस केयर में थे, यानी की डॉक्टरों और नर्सों की एक टीम उनके घर पर ही देखभाल कर रही थी। जिमी कार्टर का भारत से एक बेहद स्पेशल कनेक्शन है। कार्टर के नाम पर भारत के एक गांव का नाम है।

हरियाणा के एक गांव का नाम कार्टर के नाम पर
जिमी कार्टर का भारत से एक खास कनेक्शन। 1978 में जब वे भारत दौरे पर आए, तो उनके प्रयासों से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हुए। हरियाणा के गुरुग्राम के दौलतपुर गांव का नाम उनके सम्मान में 'कार्टरपुरी' रखा गया। हालांकि, परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर सहमति बनाने के उनके प्रयास सफल नहीं हो पाए। तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने उनकी शर्तों को बड़ी समझदारी से टाल दिया।

राष्ट्रपति बनने से पहले किसान और गवर्नर थे
जिमी कार्टर एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे। कार्टर का जन्म 1 अक्टूबर 1924 को जॉर्जिया के एक किसान परिवार में हुआ था। कार्टर ने 1960 में राजनीति में कदम रखा था। 1971 में वे जॉर्जिया के गवर्नर बने। 1977 में कार्टर अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए। उनके कार्यकाल में अमेरिका ने शीत युद्ध के तनाव, तेल संकट और नस्लीय समानता जैसे मुद्दों पर कई अहम बदलाव किए। इन मुद्दों पर किए गए काम की वजह से जिमी कार्टर को आज भी याद किया जाता है।

कैंप डेविड समझौते से मिडिल ईस्ट में शांति
कार्टर का कार्यकाल कई चुनौतियों से भरा रहा, लेकिन 1978 में कैंप डेविड समझौता उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक था। इस ऐतिहासिक समझौते के तहत मिस्र और इजराइल के बीच शांति बहाल हुई। मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात और इजराइल के प्रधानमंत्री मेनाचेम बेगिन को एक मंच पर लाने में कार्टर ने बेहद अहम भूमिका निभाई थी। कार्टर के इस पहल से मिडिल ईस्ट में शांति कायम हुई। इसके बाद जिमी कार्टर को शांति का समर्थन करने वाले नेता के रूप में पहचान मिली।

नोबेल शांति पुरस्कार से किए गए थे सम्मानित
जिमी कार्टर न केवल एक राष्ट्रपति थे, बल्कि एक मानवतावादी के तौर पर भी मशहूर थे। राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद कार्टन ने 'कार्टर सेंटर' नामक संस्था बनाई थी। इस संस्था के माध्यम से वह शांति और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने का काम किया करते थे। 2002 में कार्टर को शांति के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिमी कार्टर ऐसा मानते थे कि दुनिया में हर किसी को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।

ट्रंप, बाइडेन और ओबामा ने जताया शोक
कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत दुनिया भर के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, " जिमी कार्टर के निधन से दुनिया ने एक असाधारण नेता खो दिया।" अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, "कार्टर ने हमें सिखाया कि गरिमापूर्ण जीवन का क्या महत्व होता है।" वहीं, अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप ने भी जिमी कार्टर के निधन पर शोक प्रकट किया है। ट्रंप ने कहा कि जिमी कार्टर की अमेरिका के लोगों के प्रति प्रतिबद्धता सराहनीय थी। वह हमेशा अमेरिका के लोगों का जीवन बेहतर बनाने की कोशिश में जुटे रहे।

परिवार और रिश्तेदारों के साथ बिताए अंतिम पल
अपने अंतिम दिनों में जिमी कार्टर अपने परिवार और रिश्तेदरों के बीच समय बितताया। जिमी कार्टर ने इसी साल 1 अक्टूबर 2024 को अपना 100वां जन्मदिन मनाया। जिमी कार्टर की पत्नी रोजलिन कार्टर का पिछले वर्ष निधन हो गया था। अपनी पत्नी के निधन के बाद वह बेहद कमजोर हो गए थे। अपने पिता के निधन पर जिमी कार्टर के बेटे चिप कार्टर ने कहा कि मेरे पिता उन सबके लिए हीरो थे, जो शांति और प्रेम में यकीन करते हैं।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story