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Ayodhya global Spiritual Hub New Temples: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को रामलला को मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित किया। राम मंदिर का अभी भूतल और पहली मंजिल बनकर तैयार हुई है। दूसरी मंजिल पर काम चल रहा है। इसके बाद शिखर का काम पूरा किया जाना है।

Ayodhya global Spiritual Hub New Temples: अयोध्या में श्रीराम ज्नमभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रिकॉर्ड श्रद्धालु दर्शन के लिए पहले दिन मंगलवार को पहुंचे। शाम तक करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। हर कोई मंदिर से आया तो भगवान रामलला के भव्य मंदिर की बखान करता नजर आया। तो जान लीजिए कि यह अभी झांकी है। अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनाने के लिए विस्तृत योजनाएं बनाई जा रही हैं। इसमें 13 नए मंदिरों का निर्माण शामिल है। इन मंदिरों में छह विशाल मंदिर परिसर के अंदर बनाए जाएंगे, जबकि सात मंदिर बाहर होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरिजी ने बताया कि मुख्य मंदिर को पूरा करने के काम सहित सभी परियोजनाएं प्रगति पर हैं।

राम मंदिर की दूसरी मंजिल पर चल रहा काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को रामलला को मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित किया। राम मंदिर का अभी भूतल और पहली मंजिल बनकर तैयार हुई है। दूसरी मंजिल पर काम चल रहा है। इसके बाद शिखर का काम पूरा किया जाना है।

Ayodhya Ram Mandir
22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई। पीएम मोदी ने पूजा संपन्न कराई।

भगवान गणपति, शिव, सूर्य देव और देवी जगदंबा के बनेंगे मंदिर
कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरिजी ने कहा कि भगवान राम परिवार के पांच प्रमुख मंदिरों पर काम चल रहा है। चूंकि भगवान राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है, इसलिए भगवान गणपति, शिव, सूर्य देव और देवी जगदंबा को समर्पित मंदिर होने चाहिए। ये मंदिर मुख्य मंदिर के चारों कोनों में स्थित होंगे। भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान को समर्पित एक अलग मंदिर भी होगा।

उन्होंने कहा कि इन मंदिरों पर पहले से ही काम चल रहा है। मूर्तियां स्थापित की गई हैं। पॉलिशिंग का काम है और फिनिशिंग टच भी देना है। सीता रसोई के पास, जिसे देवी सीता की रसोई माना जाता है, देवी अन्नपूर्णा को समर्पित एक मंदिर होगा। मंदिर परिसर के बाहर एक विशाल क्षेत्र में सात मंदिर होंगे। उन्होंने कहा कि भगवान राम के जीवन में हिस्सा लेने वाले लोगों को समर्पित होंगे। ये संत वाल्मिकी, वशिष्ठ, विश्वामित्र, देवी शवरी और विशाल पक्षी जटायु के लिए होंगे, जिन्होंने राम के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।

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