Rape Cases In Bhopal: हवसी दरिंदों से कैसे बचे? मनोरोग विशेषज्ञ बोलीं- मां अपने बच्चों को दें गुड और बेड टच की सीख 

Bhopal Rape Case News
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Bhopal News: भोपाल में लगातार छोटे बच्चों के साथ यौन अपराध के मामले बढ़ते चले जा रहे हैं। हाल ही में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं। इनसे बचने के लिए मनोरोग विशेषज्ञ ने माताओं को सीख दी है।

भोपाल: केस 1- एक निजी स्कूल टीचर द्वारा स्कूल परिसर में ही 3 साल की बच्ची के साथ यौन अपराध किया गया, मां की जागरुकता की वजह से अपराधी पुलिस हिरासत में आया।
केस 2- एक अन्य मामले में शाहजहांनाबाद में एक 5 साल की बच्ची के साथ दो बच्चों के पिता ने बलात्कार किया और फिर बच्ची की हत्या कर, शव टंकी के ऊपर छिपा दिया।

ऐसे अनगिनत केसेस इन दिनों सामने आ रहे हैं। जहां हवसी दरिंदों के द्वारा छोटे बच्चों को अपनी हवस का शिकार बनाया जा रहा है। वहीं उनकी हत्या करने से भी यह दरिंदे नहीं चूक रहे। जहां छोटी नासमझ बच्चियां अपने आस पास मौजूद इन वहशी दरिंदों को समझ ही नहीं पाती और आसानी से उनका शिकार बन जाती हैं। जब हरिभूमि में इस विषय पर राजधानी की कुछ माताओं और मनोरोग विशेषज्ञ से बातचीत की तो इनका कहना है कि अब मां को ही अपनी बच्चों को गुड टच और बेड टच की शिक्षा देनी होगी, जिससे बच्चे अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें और हवसी दरिंदों से खुद को बचा सकें। वहीं मनोरोग विशेषज्ञ ने ऐसे प्रवृत्ति वाले पुरुषों को पीडोफाइल बताया और उसके कुछ लक्षण भी बताए।

पीडोफाइल के प्रमुख लक्षण
मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. रूमा भट्टाचार्य ने कहा कि छोटे बच्चों के साथ अपनी यौन इच्छा पूरी करने वाले व्यक्ति को पीडोफाइल कहा जाता है। इस तरह के रोगियों को पहचानना काफी आसान होता है। पीडोफीलिया के लक्षण किशोरावस्था से ही दिखने लगते हैं। यह युवावस्था तक पूरी तरह से विकसित हो जाते हैं। इस तरह के रोग से निपटा जा सकता है।

डॉ. रूमा का कहना है कि इस बीमारी के प्रमुख लक्षणों में जहां संबंधित व्यक्ति लोगों से कम बातें करता है, वहीं अपने हमउम्र के दोस्तों से अलग और कटा हुआ रहता है। इसके अलावा उसका अपनी उम्र से छोटे बच्चों के साथ खेलना, उनकी तरफ आकर्षित होना ही इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं।

अब माताओं को अपने बेटे को सुधारने की भी बात करनी होगी
रुमा ने कहा कि यदि समय रहते हैं पीडोफाइल की एक्टिविटीज को कंट्रोल कर लिया जाए तो न जाने कितने ही बच्चे सुरक्षित हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में बेटी को बचाने और पढ़ाने की बात की जाती है, लेकिन अब माताओं को अपने बेटे को सुधारने की भी बात करनी होगी।

क्या है पीडोफीलिया?
पीडोफीलिया एक मानसिक रोग है, जिसका शिकार व्यक्ति छोटे बच्चों के प्रति यौनाकर्षण महसूस करता है। एक शोध के बाद पाया गया है कि दवाओं के प्रयोग से पीडोफीलिक लोगों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता हैं। दुनिया के कई बड़े देश इससे निपटने चिकित्सा पद्धति की सहायता ले चुके हैं। इसके साथ ही यौन अपराधियों की चिकित्सा के लिए दवाइयां भी मौदूद हैं। ताकि पीड़ितों के यौन व्यवहार को नियंत्रित किया जा सके।

एक मां जो सीख दे सकती है वह कोई और नहीं दे सकता
भाजपा नेत्री और 2 बच्चियों की मां वदंना दुबे ने कहा कि समाज में आए दिन बच्चियों के साथ हो रहे यौन अपराध को देखते हुए अब लगता है कि माताओं को खुद ही आगे आना होगा, अपने बच्चों को खुद ही सेक्स एजुकेशन देनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि मेरी 8 और 9 साल की दो बेटियां हैं और दोनों को ही मैंने 5 वर्ष की उम्र में गुड टच, बेड टच के साथ-साथ किससे बात करनी है, किससे नहीं। किसके लिए गेट खोलना है या नहीं। यह सारी चीजें समझा दी हैं, क्योंकि एक मां जो समझ और सीख दे सकती है वह कोई और नहीं दे सकता।

अब बेटों को ज्यादा सीख देने की आवश्यकता है
वही कोलार निवासी टीचर और एक बेटे व एक बेटी की मां मिली शर्मा ने कहा कि अब बहुत जरूरी हो गया है, बच्चों को गुड व बेड टच के बारे में शिक्षित करने का। स्कूल में भी हम यही सारी सीख बच्चों को देते हैं और मैं अपने घर में बच्चों के साथ इस बारे में ओपन डिस्कशन ही करती हूं, कोई चीज उनसे छुपाई नहीं है। चाहे वो मेरा बेटा हो या बेटी और मुझे लगता है कि अब बेटों को ज्यादा सीख देने की आवश्यकता है क्योंकि वही आगे जाकर समाज का मुख्य हिस्सा करेंगे।

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