मध्य प्रदेश: जंगलों की सेफ्टी के लिए एआई आधारित सिस्टम, DFO को मोबाइल पर मिलेगा रियल टाइम अलर्ट

MP Forest News: मध्य प्रदेश के जंगलों में अतिक्रमण और पेड़ों की कटाई की सूचना सीधे अफसरों तक पहुंचेगी। वन विभाग ने इसके लिए एआई आधारित रियल-टाइम फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम तैयार किया है। सैटेलाइट इमेज, मशीन लर्निंग और फील्ड फीडबैक पर आधारित यह तकनीक अभी शिवपुरी, गुना, विदिशा, बुरहानपुर और खंडवा जिले में लागू है।
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद 7 जून से पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। जंगल में जैसे ही कोई व्यक्ति फसल बोता है, निर्माण करता या फिर जमीन के उपयोग में बदलाव करता है, डीएफओ के पास तुरंत उसका अलर्ट पहुंच जाएगा। डीएफओ बीट गार्ड को निर्देशित कर जांच जांच करा सकेंगे।
गुना डीएफओ ने इजाद किया सिस्टम
- एआई आधारित रियल-टाइम फॉरेस्ट अलर्ट सिस्टम की कोडिंग गुना डीएफओ अक्षय राठौर ने खुद की है। आईआईटी रुड़की से पड़े राठौर ने बताया, यह क्लाउड बेस्ट सिस्टम गूगल के सर्वर से सीधे इमेज एक्सेस कर अलर्ट जनरेट करता है।
- गुना डीएफओ राठौर ने बताया, पहली बार हमने सैटेलाइट, एआई और फील्ड फीडबैक को एक सिस्टम में जोड़ा है। इससे निगरानी न सिर्फ मजबूत होगी, बल्कि तुरंत कार्रवाई भी संभव हो सकेगी। गुना में सिस्टम की टेस्टिंग पूरी हो चुकी है और यह पूरी तरह सफल रहा। अब इसे 7 जून से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
सटीक और तेज होगी निगरानी
गुना डीएफओ अक्षय राठौर ने बताया, यह सिस्टम गूगल अर्थ इंजन से ली गई सैटेलाइट इमेज का उपयोग करता है। बीट गार्ड को मौके से चारों दिशाओं की तस्वीरें भेजनी होंगी, जिससे अधिकारियों की निगरानी सटीक और तेज होगी।