एक्टर राहुल भट ने की हरिभूमि से बातचीत: बोले-इंटरनेट को सेंसर करना कठिन, यह हवा की तरह, इसे कोई कंट्रोल नहीं कर सकता

rahul bhatt
X
एक्टर राहुल भट्ट।
Bollywood Actor: अभिनेता राहुल भट्ट शूटिंग के सिलसिले से भोपाल पहुंचे हैं। जहां उन्होंने हरिभूमि से बातचीत की है। राहुल भट्ट विक्रमादित्य मोटवानी की फिल्म ब्लैक वारंट की शूटिंग के लिए इन दिनों भोपाल में हैं।

MP News: इंटरनेट की इस दुनिया को सेंसर करना बहुत कठिन कार्य है। यह हवा की तरह है। कोई इसे कंट्रोल नहीं कर सकता है। दर्शकों को जो पसंद है, वह देख ही लेगा। ऐसे समय में फिल्म निमार्ताओं को स्वअनुशासन का पालन करना होगा। कुछ भी बनाने से पहले वे आत्ममंथन करें, कि हम समाज को क्या दिखा रहे हैं। वहीं दर्शकों में जागरूकता भी जरूरी है। मेरा मानना है कि कुछ विद्वान विचार करें कि सेंसर होना चाहिए या नहीं। यह कहना है कान फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्म कैनेडी से तहलका मचाने वाले फिल्म अभिनेता राहुल भट्ट का, जो विक्रमादित्य मोटवानी की फिल्म ब्लैक वारंट की शूटिंग के लिए इन दिनों भोपाल में हैं।

हरिभूमि से चर्चा में उन्होंने अपने करियर, फिल्मी दुनिया और निजी जीवन को लेकर बातचीत की।

अच्छा काम रहा है तो तू मेरा बेटा ही होगा- महेश भट्ट
फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म का इतना बोलवाला है, कि यदि आप स्टार किड नहीं हैं, तो लंबा संघर्ष करना पड़ता है। लोगों की सोच है कि एक कामयाब कलाकार जरूर किसी सफल व्यक्ति का रिश्तेदार होगा। यही वजह है कि मेरे नाम व सरनेम के कारण शुरूआती दिनों में लोग मुझे फिल्म निमार्ता-निर्देशक महेश भट्ट का बेटा समझने थे। यह बात एक बार मैंने जब महेश सर को बताई तो हंसते हुए उन्होंने कहा कि अच्छा काम रहा है तो मेरा बेटा ही होगा, अच्छी बात है।

जम्मू का कश्मीरी पंडित हूं, 1996 में मुंबई आया
उन्होंने कहा कि मैं जम्मू का कश्मीरी पंडित हूं। बचपन में टीवी में अमिताभ बच्चन समेत अन्य अभिनेताओं को देखकर तय कर लिया था की मुझे एक्टिंग ही करनी है। यहीं ख्वाब लिए 1996 में मुंबई आया, इंडस्ट्री में कोई जान पहचान नहीं थी, इसलिए माडलिंग को एक्टिंग की सीढ़ी बनाया और संघर्ष करते- करते टीवी सीरियल में रोल मिलने लगा।

मैंने माइग्रेशन का दर्द झेला है
उन्होंने कहा कि मैं 15 साल का था, जब मेरा परिवार माइग्रेट होकर जम्मू आया, मैंने माइग्रेशन का दर्द झेला है। इसलिए मुंबई आकर संघर्ष भी कर लिया। शुरूआती दिनों में कई समस्याएं भी आईं, जिनका डटकर सामना किया। इतने बड़े शहर में खुद को खोजा। मेरा मनना है कि समस्या ही समाधान है। समस्या ही सिखाती है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story