विधानसभा में गूंजा Cooperative Department का घोटाला: अनियमितताओं की जांच के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का किया गठन

CM Manohar Lal speaking in the Legislative Assembly.
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विधासभा में बोलते हुए सीएम मनोहर लाल।  
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सभी जिलों में बनी हुई सहकारी समितियों में अनियमितताओं की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो के अंतर्गत स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।

Haryana Assembly: विधानसभा के दौरान सहकारी विभाग में घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। ऐसे में सीएम मनोहर लाल ने बजट सत्र के दौरान बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सभी जिलों में बनी हुई सहकारी समितियों में अनियमितताओं की जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के अंतर्गत स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। यह टास्क फोर्स 1992 से लेकर आज तक बनी सहकारी समितियों में अनियमितताओं की जांच करेगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

समितियों को अभी तक 328 करोड़ रुपए किए गए जारी

मनोहर लाल ने कहा कि इन समितियों को अभी तक 328 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं, जिसमें से 259 करोड़ रुपए का उपयोग दिखाया गया है, शेष पैसा बैंकों में ही पड़ा है। वर्तमान राज्य सरकार ने समितियों का ऑडिट करवाया था और ऑडिट में जब कमियां पाई गई तो सरकार ने स्वतः संज्ञान लेकर यह मामला जांच के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो को सौंपा। एसीबी ने इस मामले में 9 एफआईआर दर्ज की हैं और 4 जिलों में समितियों की जांच में 8.80 करोड़ रुपए की अनियमितता मिली है। संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।

रिकवरी के लिए अधिकारी व कर्मचारियों की अचैट की प्रॉपर्टी

मुख्यमंत्री ने बताया कि पैसे की रिकवरी के लिए विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों की प्रॉपर्टी अटैच की गई है। अनु कौशिश, एआरसीएस का मोहाली में एक घर, एक फ्लैट, 29 कनाल 5 मरला भूमि और बैंक अकाउंट को अटैच किया गया है। इसी प्रकार, राम कुमार पूर्व आरसीएस का कुरुक्षेत्र में आवासीय प्लॉट और बैंक अकाउंट, योगेंद्र अग्रवाल का मोहाली में फ्लैट और बैंक अकाउंट, सुमित अग्रवाल और उनकी पत्नी का बैंक अकाउंट व फ्लैट, नितिन शर्मा का जीरकपुर में फ्लैट व बैंक अकाउंट को अटैच किया है। जो अधिकारी अभी सस्पेंड किए गए हैं, यदि वे जांच में दोषी पाए गए तो उन्हें भी बर्खास्त करेंगे।

सड़कों को चौड़ा करते समय बिजली के खंभों को ट्रांसमिशन कंपनियां अपने खर्चे पर हटाएगी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सड़कों का चौड़ाकरण करते समय बीच में आने वाले बिजली के खंभों को अब ट्रांसमिशन कंपनियां स्वयं अपने खर्चे पर हटाएगी। पहले संबंधित विभाग को बिजली के खंभे हटाने के लिए नोटिस दिया जाता था। उन्होंने कहा कि सरकार ने आबकारी नीति में प्रावधान किया था कि एक मार्च से डिस्टलरीज प्लास्टिक की बोतलों की बजाय कांच की बोतलों में शराब की सप्लाई करेगी। लेकिन अब सरकार ने पॉलिसी की अवधि तक इस अनिवार्य प्रावधान को वैकल्पिक कर दिया है, ताकि डिस्टलरीज को किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो।

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