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Lok Sabha Election 2024: हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर मुकाबला बड़ा ही रोमांचक होने जा रहा है। दरअसल, आज इनेलो ने अभय चौटाला को यहां से अपना उम्मीदवार बना दिया है। वहीं, बीजेपी अभी तक मंथन कर रही है।

Kurukshetra Lok Sabha Seat:  इस बार के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प देखने को मिलेगा। इंडिया गठबंधन के बाद अब इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने भी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। दरअसल, इनेलो ने अभय चौटाला को अपना प्रत्याशी बनाया है। अभय चौटाला इनेलो के एकमात्र विधायक हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में उन पर दांव लगाया है। इससे पहले इंडिया गठबंधन का घटक दल आम आदमी पार्टी ने डॉ. सुशील गुप्ता के नाम का ऐलान करते हुए कुरुक्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है। हालांकि, बीजेपी ने अभी इस सीट से अपने कैंडिडेट के नाम की घोषणा नहीं की है, पार्टी अभी भी उम्मीदवारों के नामों पर मंथन कर रही है। ऐसे में अब यहां जानेंगे की इस सीट पर जातीय समीकरण क्या कहते हैं।

कुरुक्षेत्र में कुल 18 लाख मतदाता

जानकारी के मुताबिक, कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में लगभग 18 लाख वोटर हैं। इनमें सबसे अधिक मतदाता जाट समाज से हैं, क्योंकि यहां पर जाट वोटरों की संख्या 14 प्रतिशत है। वहीं, दूसरे नंबर पर ब्राह्मण मतदाता हैं। ब्राह्मण वोटरों की संख्या लगभग 8 प्रतिशत है। पंजाबी समुदाय के 6 प्रतिशत मतदाता है। जबकि अग्रवाल समुदाय के मतदाताओं की संख्या लगभग 5 प्रतिशत है। इसके अलावा 4 प्रतिशत वोटर जट सिख हैं, रोड मतदाताओं की संख्या 3 प्रतिशत हैं। राजपूत मतदाताओं की संख्या 1.5% है। अगर सामान्य वर्ग के मतदाताओं की बात की जाए तो सामान्य वर्ग से संबंध रखने वाले मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 0.5% है। इसी प्रकार ईसाई मतदाताओं की संख्या भी 0.5% है।

ओबीसी मतदाता होते हैं निर्णायक

इसके अलावा ओबीसी मतदाताओं की संख्या भी अच्छी खासी है। क्योंकि यहां पर 8 प्रतिशत मतदाता सैनी समुदाय से हैं। सिख सैनी मतदाताओं की संख्या 2.3 प्रतिशत है। कंबोज 1.5% और कंबोज सिख मतदाता 1.5 प्रतिशत है। इसके अलावा कश्यप राजपूत मतदाताओं की संख्या 3 प्रतिशत है। गुर्जर वोटरों की संख्या पर नजर डालें तो इनकी संख्या भी 3 प्रतिशत है। वहीं, लबाना और रामगढ़िया इत्यादी की संख्या करीब 2 प्रतिशत है।

ओबीसी में आने वाले मुस्लिम की बात करें तो इन मतदाताओं की संख्या लगभग 1.7 प्रतिशत है। इसके अलावा ओबीसी के अंतर्गत आने वाले यादव, मौर्य, वर्मा समेत अन्य जातियों के मतदाताओं की संख्या लगभग 12 प्रतिशत है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाले वोटरों की संख्या पर नज़र डालें तो इन मतदाताओं की संख्या 11.44% है।

2014 से बीजेपी का दबदबा

फिलहाल इस सीट पर सैनी समाज से आने वाले हरियाणा के सीएम नायब सैनी इस सीट से सांसद हैं। वह 2019 के लोकसभा चुनाव में नायब को 6 लाख 88 हजार 629 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार निर्मल सिंह आधे वोट भी नहीं पा सके। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में इतिहास में पहली बार बीजेपी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले इस सीट पर कांग्रेस एकक्षत्र राज रहा है।

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1977 में अस्तित्व में आई यह सीट 

बता दें कि 1977 में परिसीमन के बाद कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। 1977 के आम चुनाव में जनता पार्टी के उम्मीदवार रघुवीर सिंह विर्क जीते। पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के निधन के बाद 1984 में यह सीट फिर कांग्रेस के खाते में आ गई। 1998 से 2004 तक दो बार यह सीट इंडिया नेशनल लोकदल (इनेलो) के खाते में गई, तो वहीं 2004 में कांग्रेस के उम्मीदवार और उद्योगपति नवीन जिंदल ने यहां से जीत दर्ज की और आईएनएलडी के अभय चौटाला को 1 लाख 60 हजार मतों से शिकस्त दी। 2009 में उन्होंने फिर से इस सीट से जीत दर्ज की थी। इसके बाद 2014 के बाद से बीजेपी की इस सीट पर दबदबा है। हालांकि, बीजेपी ने अभी तक इस सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। अब देखना होगा की बीजेपी इस सीट से हैट्रिक लगाने में कामयाब हो पाती है या नहीं। 

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