कंबोपुरा सरपंच सुसाइड मामला: पूर्व मंत्री ओपी जैन निधन के बाद कोर्ट से बरी, पूर्व CPS जिले राम शर्मा पर लगे आरोप भी हटे

Karnal Sarpanch Suicide Case
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करनाल के पूर्व विधायक जिले राम शर्मा और PA को मिला CBI कोर्ट से इंसाफ।
Karnal Sarpanch Suicide Case: हरियाणा के करनाल के कंबोपूरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह के सुसाइड केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने फैसला सुनाया है।

Karnal Sarpanch Suicide Case: हरियाणा के करनाल के कंबोपूरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह के सुसाइड केस में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कंबोपूरा सरपंच के सुसाइड मामले में कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय ओपी जैन, उनके पीए राजेंद्र शर्मा और कांग्रेस के पूर्व सीपीएस जिले राम शर्मा को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपों से बरी कर दिया है। इस मामले में अब जाकर 12 साल बाद फैसला आया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह केस साल 2012 से सीबीआई कोर्ट में चल रहा था। कंबोपुरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह की मौत के मामले में सीबीआई की विशेष कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व विधायक जिले राम शर्मा और मंत्री के पीए राजेंद्र शर्मा को आरोपी बताया था। पूर्व मंत्री ओपी जैन का निधन हो चुका है। वहीं, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव जिले राम शर्मा और ओपी जैन के पीए राजेंद्र शर्मा को अब बरी किया गया है।

नौकरी के नाम पर लिया था पैसा

पूर्व सरपंच कर्म सिंह के बेटे राजेंद्र ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने क्लर्क के पद पर भर्ती करवाने के लिए 5 लाख और कंडक्टर भर्ती करवाने के लिए 6 लाख रुपये लिए थे। लेकिन बाद में न तो नौकरी दी और ना ही पैसे वापस दिए। इस मामले में नाम आने से ओपी जैन और जिले राम शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

जानकारी के मुताबिक, ओपी जैन, ज़िले राम शर्मा और ओपी जैन के पीए राजेंद्र शर्मा पर पूर्व सरपंच को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाए गए थे। आरोप ये था कि कंबोपुरा के सरपंच पूर्व कर्म सिंह ने नौकरी लगवाने के लिए उन्हें पैसे दिए थे।

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जिले राम शर्मा फिर से लड़ेंगे चुनाव

करनाल के असंध से कांग्रेस के पूर्व विधायक जिले राम शर्मा ने कहा कि उन पर राजनीति से प्रेरित आरोप लगे थे। मामले में बरी होने के बाद पूर्व विधायक जिले राम शर्मा ने बताया कि उन्हें लगभग 14 साल बाद कोर्ट से इंसाफ मिला है और वह अब फिर से आने वाले चुनाव लड़ेंगे। जिले राम शर्मा ने कहा कि आरोप लगने के 2 दिन में ही उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन पर जो झूठे आरोप लगाए गए थे, उसके लिए कोर्ट में उन्हें इंसाफ मिला है।

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