जींद में जमकर बसरे मेघा: मानसून की सक्रियता से हुआ मौसम सुहाना, अगेती धान उत्पादकों की बढ़ी चिंता

Due to rain, rainwater accumulated at Duck Chowk and crops bloomed in the fields.
X
बारिश से बत्तख चौक पर जमा हुआ बरसाती पानी व खेत में खिली फसल। 
हरियाणा के जींद में आई बरसात के कारण मौसम सुहावना हो गया। वहीं, बरसाती पानी जमा होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

जींद: मानसून के एक बार फिर से सक्रियता के चलते वीरवार सुबह तेज बारिश हुई। बारिश से जहां मौसम सुहाना हो गया, वहीं शहर में जगह-जगह बरसाती पानी जमा होने से लोगों को परेशानी का सामना करन पड़ा। बारिश ने तापमान में भी गिरावट ला दी और लोगों को गर्मी से निजात मिली। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आगामी दो दिन तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा और इस दौरान बूंदाबांदी के साथ-साथ बारिश भी हो सकती है। किसानों को चाहिए कि वो अपनी फसलों का लगातार निरीक्षण करते रहें।

सावन माह की तरह लगी बारिश की झड़ी

बुधवार रात को अचानक मौसम में बदलाव हुआ और कहीं-कहीं हलकी बूंदाबांदी हुई। वीरवार सुबह पहले हवा चली और फिर देखते ही देखते तेज बारिश शुरू हो गई। हालांकि सावन माह में इतनी बारिश नहीं हुई, जितनी की दरकार थी लेकिन अब अश्विन माह में भी सावन की तरह बारिश की झड़ी लगी है। करीब आधे घंटे तक हुई झमाझम बारिश से शहर में पटियाला चौक, नरवाना रोड, सीआर किसान कॉलेज के सामने, बत्तख चौक, रानी तालाब मोड पर पानी जमा हो गया। जिससे राहगीरों तथा वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

किसानों की बढ़ी परेशानी

किसानों ने बताया कि इस समय पीआर धान और अगेती बासमती 1509 धान पकाव की तरफ है। अगर अब ज्यादा वर्षा होती है तो इन दोनों किस्म की धान की फसल में नुकसान होगा। पीआर धान की तो आगामी दस से 15 दिन में कटाई शुरू हो जाएगी। वहीं कपास की फसल में भी इस समय होने वाली वर्षा से फायदे की तुलना में नुकसान की आशंका ज्यादा है। हालांकि बासमती 1121, 1718 किस्म की धान की फसल में वर्षा से फायदा होगा। जुलाई में सामान्य से कम वर्षा होने की वजह से बासमती धान की रोपाई में देरी हुई थी। जिसके कारण 20 हजार हैक्टेयर से ज्यादा में धान की रोपाई अगस्त में हुई थी।

बारिश से फसलों को होगा फायदा

उचाना में वीरवार सुबह आसमान में बादल छाने के बाद हुई बारिश से मौसम सुहावना बना रहा। तापमान में गिरावट आने के साथ-साथ फसलों के लिए बारिश फायदेमंद साबित होगी। बाजारों में जरूर बारिश होने से गलियों, रेलवे रोड, पुराना मंडी रोड, उचाना कलां अंडरपास में कुछ देर पानी का भराव रहा। किसानों ने कहा कि बारिश की इस समय फसलों को जरूरत थी। धान की फसल को सबसे अधिक फायदा बारिश से होगा। समय पर बेशक बारिश नहीं हुई है लेकिन अब कुछ समय से जो बारिश हो रही है वो फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। फसल का उत्पादन फसल के अनुकूल मौसम बनने से होगा।

आगामी दो दिन तक मौसम रहेगा परिवर्तनशील

गांव पांडू पिंडारा कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि जिले में वीरवार को कहीं हलकी बारिश तो कहीं तेज बारिश हुई है। मानसून फिर से सक्रिय हुआ है। जिसके चलते आगामी दो दिन तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। किसान मौसम को ध्यान में रखते हुए कपास व धान की फसल में स्प्रे का काम रोक दें और लगातार फसलों का निरीक्षण करते रहें। खेतों में पानी का ठहराव न होने दें।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story