दिल्ली में जलभराव रोकने के लिए NGT का कड़ा रुख: 31 मई तक नालों की सफाई का निर्देश, मॉनसून से पहले पूरी करें तैयारी

NGT Delhi waterlogging and drains cleaning: मॉनसून के समय दिल्ली की सड़कों पर जलभराव की समस्या को रोकने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FCD) को सख्त निर्देश दिए हैं। एनजीटी ने दिल्ली के 24 प्रमुख नालों की सफाई का काम 31 मई तक पूरा करने की समयसीमा तय की है। अगर यह काम समय पर पूरा नहीं हुआ तो दिल्ली में जलभराव और बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
एनजीटी का आदेश: नालों की सफाई 31 मई तक हो पूरी
एनजीटी की पीठ ने 21 फरवरी को दिल्ली सरकार के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FCD) को आदेश दिया कि वह एक कमिटमेंट प्रेजेंट करे, जिसमें यह तय किया जाए कि मानसून के दौरान बाढ़ को रोकने के लिए 24 नालों की सफाई का काम 31 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। इन नालों का पानी सीधे यमुना में गिरता है, और इनकी सफाई से जलभराव की समस्या को कम किया जा सकता है।
सफाई के कामों की स्थिति: 24 नालों में से कुछ की सफाई हो चुकी है
एनजीटी के आदेश के अनुसार, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने 20 फरवरी को रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें नालों की सफाई की स्थिति का विवरण दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, 14 फरवरी तक कई नालों में सफाई का काम 50% से अधिक पूरा हो चुका था, जैसे कि विजय घाट के मोट नाले (84.92%) और सिविल-मिलिट्री नाले (78.51%) में। हालांकि, कुछ नालों की सफाई कार्य बहुत धीमी गति से हो रही है, जैसे सोनिया विहार नाले (0.08%) और शास्त्री पार्क नाले (0.34%) में।
सफाई का धीमा काम: कुछ नालों में 1 फीसद से भी कम काम हुआ
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुछ नालों में सफाई का काम बेहद कम हुआ है। जैसे सोनिया विहार और शास्त्री पार्क नालों में 1% से भी कम काम हुआ है, जो आगामी मानसून में गंभीर समस्या खड़ी कर सकते हैं। एनजीटी ने चेतावनी दी है कि अगर समय पर सफाई का काम पूरा नहीं हुआ तो जलभराव और ओवरफ्लो की समस्या हो सकती है, जैसा कि पिछले मानसून में देखा गया था।
एनजीटी की चेतावनी: कमिटमेंट 25 फरवरी तक पेश करें
एनजीटी ने दिल्ली सरकार से 25 फरवरी तक एक कमिटमेंट (अंडरटेकिंग) मांगी है, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि नालों से गाद निकालने का काम निर्धारित समयसीमा में पूरा कर लिया जाएगा। अगर विभाग अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं करता तो मॉनसून में जलभराव की समस्या से दिल्ली के नागरिकों को परेशानी हो सकती है।
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अदालत की टीम: जूडिशियल सदस्य और विशेषज्ञों ने दिया निर्देश
एनजीटी की पीठ में जूडिशियल सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को हर हाल में 31 मई तक नालों से गाद निकालने का काम पूरा करना होगा। इस आदेश के बाद अब दिल्ली सरकार और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के लिए यह चुनौती होगी कि वे तय समय सीमा के भीतर नालों की सफाई सुनिश्चित कर सकें और मॉनसून में जलभराव की समस्या से दिल्लीवासियों को बचा सकें।
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