AAP vs LG Vinai Saxena: एलजी विनय सक्सेना ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र, कहा- 'आप' की सरकार LG की गलत छवि बना रहे

LG letter to Home Ministry
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एलजी ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र।
सीएम केजरीवाल जेल में हैं। इसके बाद भी एलजी और दिल्ली सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच एलजी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है।

LG letter to Home Ministry: राष्ट्रीय राजधानी में उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच टकराव की खबरें लगातार सामने आती रहती हैं। ऐसे में आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बीच एलजी सचिवालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। जिसमें कहा गया है कि अदालतों को गुमराह करते दिल्ली सरकार आम लोगों के बीच एलजी की गलत छवि को बनाने की कोशिश कर रही है। जानकारी के मुताबिक एलजी ने पांच पेज का पत्र गृह मंत्रालय को भेजा है।

'अदालत को गुमराह कर रही आप'

उपराज्यपाल सचिवालय ने पत्र में लिखा है कि दिल्ली सरकार द्वारा अदालत को गुमराह करके न्याय प्रणाली को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। पत्र में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के विभिन्न मामलों का हवाला देते हुए कोर्ट के साथ व्यवहार के संबंध में दिल्ली सरकार पर उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। उपराज्यपाल ने लिखा है कि हाल ही में कोर्ट को गुमराह करने के ठोस प्रयास किए गए।

'संवैधानिक कार्यालय को किया जा रहा बदनाम'

सचिवालय ने आगे लिखा है कि दिल्ली सरकार जानबूझकर अदालत को गुमराह करने के लिए एलजी पर आरोप लगाया है, सरकार संवैधानिक कार्यालय को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। पत्र में दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं, हाई कोर्ट और जिला अदालत के बुनियादी ढांचे से संबंधित मामला का जिक्र किया गया है।

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'आप' ने एलजी पर किया पलटवार

वहीं, इस मामले पर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बार-बार उपराज्यपाल से शिकायत की जाती है कि अधिकारी मंत्रियों की बात नहीं मानते हैं। लेकिन इसके बाद भी उपराज्यपाल कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं। हार मानकर दिल्ली सरकार को कोर्ट का रुख करना पड़ता है। अधिकारियों ने DJB का फंड, फरिश्ते योजना, स्मॉग टावर्स पहल को रोक दिया, जिससे दो करोड़ दिल्लीवासियों को नुकसान हुआ है।

हालात ये हैं कि अधिकारी फाइलों को अनिश्चित समय के लिए अपने पास रख लेते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की निर्वाचित सरकार को सर्विसेज देने का आदेश दिया था, लेकिन केंद्र ने GNCTD संशोधन अधिनियम लागू कर उसे ​दिल्ली सरकार से छीन लिया।

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