दिल्ली में साइबर सिंडिकेट का भंडाफोड़: 30 लाख की ठगी का आरोपी गिरफ्तार, फर्जी पहचान और दस्तावेजों का खुलासा

Cyber ​​Syndicate of 30 lakh rupees in Delhi
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच ने एक बड़े साइबर अपराध सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने गोरखपुर निवासी राहुल कुमार श्रीवास्तव को नोएडा से गिरफ्तार किया है। 

Cyber ​​Syndicate Arrested in Delhi: आउटर नॉर्थ दिल्ली साइबर क्राइम ब्रांच ने एक बड़े साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस ने गोरखपुर निवासी राहुल कुमार श्रीवास्तव को नोएडा से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने फर्जी पहचान और दस्तावेजों के जरिए 30 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया।

फर्जी दस्तावेज और पहचान का खेल

आरोपी ने अपनी असली पहचान छुपाने के लिए फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाए। उसने खुद को संजय नाम का व्यक्ति भी बताया और इन फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी जैसे अपराध को अंजाम दिया। पुलिस ने आरोपी के पास से 2 मोबाइल फोन, 5 चेकबुक, 5 डेबिट कार्ड, 5 सिमकार्ड और एक फर्जी आधार कार्ड बरामद किया है।

कैसे हुआ साइबर फ्रॉड का खुलासा?

डीसीपी आउटर नॉर्थ के मुताबिक, 14 मई 2024 को साइबर क्राइम पुलिस को एक शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता पवन कुमार ने बताया कि उसने एक कंपनी के हाई रिटर्न के वादों पर भरोसा कर 30.50 लाख रुपये इंवेस्ट किए थे। इसके लिए उसने 20 लाख रुपये का लोन भी लिया था। बाद में पता चला कि कंपनी एक शेल कंपनी है और उसका संचालन ठगी के लिए किया जा रहा है।

रुद्र ट्रेडर्स के जरिए ठगी

इसी के साथ पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी रुद्र ट्रेडर्स नाम की शेल कंपनी से जुड़ा था, जो पूरे देश में 33 साइबर फ्रॉड के मामलों में शामिल पाई गई। आरोपी और उसके साथी व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए लोगों को शेयर बाजार में निवेश के नाम पर ठगते थे।

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कैसे लोगों को फंसाते थे ये गिरोह?

सबसे पहले आरोपी इंवेस्ट करने पर हाई रिटर्न का वादा करते थे। फिर व्हाट्सएप ग्रुप में फर्जी स्क्रीनशॉट और बाजार के झूठे ट्रेंडस को दिखाकर लोगों को लुभाया जाता था। एक ग्रुप मेंबर नकली स्क्रीनशॉट पोस्ट कर बाकी पीड़ितों को भ्रमित करता था।

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मामले को लेकर आगे की कार्रवाई जारी

पुलिस ने कहा कि आरोपी राहुल 2023 से इस तरह की गतिविधियों में शामिल था। मामले में दूसरे संदिग्धों की तलाश और साइबर फ्रॉड के पूरे नेटवर्क का पता लगाने के लिए जांच जारी है। पुलिस ने इस मामले को साइबर अपराध की बढ़ती चुनौतियों का उदाहरण बताया है और लोगों से ऐसे किसी भी झूठे वादे से सतर्क रहने की अपील भी की है।

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