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आयुष्मान कार्ड बनाने लोगों को तीन तरह का विकल्प उपलब्ध कराया है। इलाज के दौरान कार्ड बनाने, च्वाइस सेंटर और मोबाइल के माध्यम से स्वयं कार्ड बनाने की सुविधा दी गई है।

रायपुर। आयुष्मान कार्ड के सहारे दस लाख तक उपचार की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए राज्य में शत प्रतिशत लोगों को कार्डधारक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हेल्थ वर्करों को घर-घर जाकर लोगों को कार्ड के बारे में पूछने और मोबाइल के माध्यम से इसे बनाने की जानकारी देने का काम शुरू किया गया है। राज्य में अभी लगभग साठ लाख लोगों का आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। योजना के तहत इलाज की लिमिट बढ़ाने का काम शुरू किया जाना है। इसके लिए शतप्रतिशत कार्ड बनाने का काम पहले चरण में पूरा किए जाने की तैयारी है। 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए लोगों को तीन तरह का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। इसके तहत अस्पतालों में जाकर इलाज के दौरान कार्ड बनाने, च्वाइस सेंटर तथा मोबाइल के माध्यम से स्वयं कार्ड बनाने की सुविधा दी गई है। जानकारी के मुताबिक मोबाइल के माध्यम से आयुष्मान हितग्राही बनने में सर्वर के साथ पूरी तरह जानकार नहीं होने की समस्या आ रही है। इसे दूर करने की जिम्मेदारी स्वास्थ कर्मियों को दी गई है और उन्हें घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड के बारे में जानकारी लेने कहा गया है।

निजी अस्पतालों में भी मान्य

आयुष्मान कार्ड सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी मान्य है। प्रदेश में 1061 शासकीय संस्थानों और 561 निजी अस्पतालों में निशुल्क इलाज की सुविधा प्राप्त की जा सकती है। आयुष्मान योजना में एपीएल परिवार को 50 हजार तथा बीपीएल कार्डधारक परिवार को पांच लाख तक निश्शुल्क इलाज मिलता है। भविष्य में इस राशि को दस लाख करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

शिविर लगाए जा रहे

स्टेट नोडल एजेसी के उपसंचालक डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि, शत प्रतिशत लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए जगह-जगह शिविर लगाए जा रहे है। स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को प्रशिक्षित कर रहे है। 

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