समन्वय वार्षिक महोत्सव: काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन, कवियों का किया गया सम्मान

Samanvay Sahitya Parivar Chhattisgarh
X
समन्वय साहित्य परिवार छत्तीसगढ़
समन्वय का भव्य 29 वां वार्षिक महोत्सव पूरा हुआ। इस दौरान प्रदेश के महनीय कवियों का सम्मान किया गया और काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

बिलासपुर। ‘समन्वय’ का भव्य 29 वां वार्षिक महोत्सव पूरा हुआ। इस दौरान प्रसिद्ध भाषाविद और विद्वान साहित्यकार डॉ.चित्तरंजन कर ने अपने वक्तव्य में कहा कि, "भाषा संस्कृति है और संस्कृति खेती है, जिसकी फसल साहित्य है। लेकिन साहित्य संदेश देता है, उपदेश नहीं।"

कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ। 'समन्वय' के कुल गीत गायन के बाद समन्वय के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.देवधर महंत ने स्वागत भाषण दिया। 'समन्वय' के संस्थापक अध्यक्ष डॉ.बलराम ने समन्वय के उद्भव और विकास यात्रा को विस्तार से बताया। इस अवसर पर तिल्दा-नेवरा पर केन्द्रित वार्षिकांक समन्वय 2024 और डॉ.गंगाधर पटेल 'पुष्कर' के दोहा संग्रह" सपनों का इन्द्रधनुष", डॉ.देवधर महंत की काव्य कृति "मेरे हाथ कलम है" और महेश श्रीवास की व्यंग्य कृति "कौवे मोती चबा रहे हैं" का लोकार्पण किया गया।

कवियों को किया गया सम्मानित

इस वर्ष चर्चित समकालीन कथाकार बसंत राघव, शिक्षाविद और कवि डॉ.सुभाषचंद्र शर्मा, कवि सम्मेलन के सिद्धहस्त मंच संचालक कैलाश शर्मा, भक्ति संगीत के लिए मीना तलरिया, चिकित्सा सेवा के लिए डॉ.श्रीचंद तलरिया, आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए संत मोहनलाल उदासी, रचनात्मक और सामाजिक गतिविधियों के लिए शमनलाल खूबचंदानी, हीरानंद भोजवानी को समन्वय रत्न सम्मान 2024 से नवाजा गया। इस वर्ष से हिन्दी के उल्लेखनीय गीतकार पं.लक्ष्मीनारायण शर्मा 'साधक' की स्मृति में काव्य सम्मान की शुरुआत साधक जी के परिवार के सहयोग से की गई। प्रथम काव्य सम्मान 2024 इन दिनों छत्तीसगढ़ी कोकिला कही जा रही चर्चित कवयित्री संतोषी श्रद्धा महंत को प्रदान किया गया। इस सम्मान के तहत उन्हें 5001 रुपए के साथ स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, शॉल और श्रीफल भेंट किया गया।

ये रहे विशिष्ट अतिथि

समकालीन प्रसिद्ध नवगीतकार डॉ.अजय पाठक, प्रसिद्ध नेत्र सर्जन और समाजसेवी डॉ.ललित माखीजा, पूर्व सांसद और प्रसिद्ध क्रिमिनल लॉयर गोविंदराम मिरी, शिक्षाविद और साहित्यकार डॉ.उमाशंकर तिवारी, पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष शमनलाल खूबचंदानी और अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अंचल के प्रसिद्ध समाजसेवी, कवि हृदय हीरा हरिरामानी ने संबोधित किया।द्वितीय सत्र में योगेश्वर श्रीकृष्ण के जीवन के प्रेरक प्रसंगों पर डॉ.बलराम का महत्वपूर्ण व्याख्यान हुआ। वहीं संत मोहनलाल उदासी, मीना तलरिया ने गायन की मधुर प्रस्तुति दी।

तृतीय सत्र में हुई काव्य गोष्ठी

डॉ.चित्तरंजन कर, मीर अली 'मीर’, डॉ.उमाशंकर तिवारी, मोहनलाल "निर्दोष", राजेश चौहान रायपुर', सलिल तिवारी जबलपुर, संतोषी श्रद्धा महंत, प्रो.ज्योति दीवान "मुक्तिका" कोरबा, सरिता तिवारी बलौदा बाजार, रामकुमार साहू "मयारू" पोखन जायसवाल, पूरन जायसवाल पलारी, बुधराम यादव, डॉ.सुधाकर बिबे बिलासपुर, डॉ.राजेन्द्रकुमार वर्मा, ब्रजेश श्रीवास्तव "अब्र", मदन सिंह ठाकुर रतनपुर, संतोष श्रीवास दीपका और मोहनलाल सहित विभिन्न कवियों ने काव्यपाठ किया। कवि गोष्ठी का सफल संचालन कैलाश शर्मा ने किया।

poetry seminar
काव्य गोष्ठी

कवि और साहित्यप्रेमी रहे मौजूद

इस अवसर पर व्यंग्यकार भरत चंदानी, राजेन्द्र मौर्य, कथाकार चलमेश्वरी राव, आदिवासियों के उत्थान के लिए सेवारत स्वाति आनंद, तेरस यादव, सलीम खान, पं.लक्ष्मीनारायण शर्मा "साधक" के बेटे रवीन्द्र शर्मा, राजेश शर्मा और साहित्यप्रेमी मौजूद रहे। यह अविस्मरणीय रहा कि, सभी सहभागियों और वालेंटियर्स का शाल और श्रीफल से सम्मान किया गया। अंत में कैलाश शर्मा ने आभार प्रदर्शन किया।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story