भाटिया शराब फैक्ट्री पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी : पूछा-आदमी की जान जरूरी या शराब कारखाना

Bilaspur High Court
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छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट
शराब फैक्ट्री से  20,000 ग्रामीण सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं , हाई कोर्ट ने फैक्ट्री को 7 दिनों के भीतर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आदेश दिया है।

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाई कोर्ट ने सरगांव के धूमा में स्थित भाटिया शराब फैक्ट्री के प्रदूषण मामले में सख्त रुख अपनाते हुए, पर्यावरण संरक्षण मंडल से रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने फैक्ट्री को 7 दिनों के अंदर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले कि अगली सुनवाई की तारीख सात दिन बाद की दी है

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद पर्यावरण संरक्षण मंडल ने की थी जाँच

कोर्ट की सख्ती के बाद पर्यावरण संरक्षण मंडल के अफसर धूमा स्थित भाटिया वाइन फैक्ट्री पहुंचे और जांच की। मंगलवार को कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में बताया है कि फैक्ट्री में पर्यावरण संरक्षण मंडल और एनजीटी के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है, साथ हि मापदंडों को पूरा करने में खामियां पाई गई है। इसके लिए फैक्ट्री संचालक पर जुर्माना ठोंका गया है।

प्रदूषित पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है

भाटिया शराब फैक्ट्री का बिना शोधन का गंदा पानी सीधे खजूरी नाले से शिवनाथ नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो गया है, जिससे लाखों मछलियां और दर्जनों मवेशी मारे गए। पानी से आ रहे तेज बदबू और प्रदूषण से आसपास के गांवों के लोगों काफी परेशानी हो रही है। इस पानी की सिचाई से फसलें भी खराब हो जा रही हैं।

फैक्ट्री के प्रदूषण से हो रही हैं गंभीर समस्याएं

फैक्ट्री के प्रदूषण से लगभग 20,000 ग्रामीण सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं। 400 एकड़ में लगी धान की फसलें खराब हो रही हैं। लोगों को सांस लेने में तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। चर्म रोग की शिकायत बढ़ने लगी है। खुजली के साथ ही आंख से पानी निकलना और जलन की शिकायतें मिल रही है।

सुनवाई के दौरान पिछले कई दिनों से फैक्ट्री बंद होने की जानकारी देने पर कोर्ट ने कहा कि आदमी को बचाएं कि फैक्ट्री को?

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