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R Ashwin on Mental Health: आर अश्विन ने एक इंटरव्यू में मेंटल हेल्थ से लेकर अपने क्रिकेट करियर को लेकर खुलकर बात की। इस इंटरव्यू में उन्होंने एक किस्सा साझा किया जब पिता से लड़ाई के बाद उन्होंने क्रिकेट छोड़कर MBA करने का मन बना लिया था।

नई दिल्ली। भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खुलासा किया है कि उन्होंने 2017 में क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था और मार्केटिंग में करियर बनाने के लिए एमबीए करने के बारे में सोचने लगे थे। अश्विन ने कहा कि तब पेशेवर क्रिकेट खेलने का दबाव इतना था कि इसका उनके निजी जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ने लगा था और एक दिन अपने पिता के साथ लड़ाई के बाद वो रोने लगे थे और इस घटना के बाद उन्होंने क्रिकेट तक देखना बंद कर दिया था। 

एक इंटरव्यू में अश्विन ने, जो हाल ही में 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बने हैं, ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पेशेवर क्रिकेट की गलाकाट प्रतियोगिता में दबाव और निरंतर हो रही आलोचना एक खिलाड़ी के मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है। 

मैंने बहुत दबाव झेला है: अश्विन
अश्विन ने इस पर कहा, "मानसिक स्वास्थ्य की कई परतें होती हैं। कुछ लोग दबाव के आगे झुक सकते हैं। कुछ लोग और परेशान हो सकते हैं। कभी-कभी आप अपने जीवन में बहुत अंधेरी जगह पर होते हैं और आप किसी से बात करना चाहते हैं, और मुझे लगता है कि अक्सर लोग खुद को पीड़ित की स्थिति में पाते हैं। जो मेरी नजर में बहुत खतरनाक स्थिति है।"

'पिता से लड़ाई के बाद क्रिकेट छोड़ने वाला था'
अश्विन ने आगे कहा, "भले ही मेरा परिवार मेरे प्रति समर्पित है और मैं अपने परिवार के पास वापस आ सकता हूं। फिर भी मैं बहुत सी बातें नहीं कह सकता। मैं कहूंगा कि क्रिकेट कई मायनों में कॉर्पोरेट की तरह है, जिसमें कुछ तत्व सरकारी कंपनी जैसे हैं। हालांकि अगर मैं आता हूं और अपने पिताजी से कॉर्पोरेट चीज़ों के बारे में बात करता हूँ, तो उनके पास कहने के लिए केवल एक ही लाइन होती है: यह सब राजनीति है। और वह बहुत बड़ी बात है और प्रशंसक भी अंत में वही काम करने लगते हैं। कभी-कभी, जब मैं खुद को किसी अंधेरे स्थान पर पाता हूं, तो मैंने भी थोड़ा-बहुत ऐसा किया है। लेकिन ऐसा करना बहुत गलत बात है क्योंकि आपको लगता है कि किसी की सफलता बहुत आसानी से आ रही है। ऐसा नहीं है।"

पिताजी की बात चुभी तो कमरे में रोता रहा था
अश्विन कहते हैं कि वह अपने युवा परिवार के साथ पर्याप्त समय नहीं बिता पा रहे थे और एक पारिवारिक चर्चा के दौरान, उनके पिता ने एक बार उन्हें स्पष्ट रूप से बताया था कि वह क्यों 'खराब' हो रहे हैं।

अश्विन ने कहा, "मेरी पत्नी अच्छी श्रोता है। लेकिन मैं उन्हें पूरा वक्त नहीं दे पा रहा था। एक दिन, हम बातचीत कर रहे थे। मेरे पिताजी ने घर के एक अंदरूनी मामले पर कुछ कहा और मैंने पिताजी से कुछ कहा। पिताजी और मेरे बीच बहुत लड़ाई होती है और आख़िरकार उन्होंने एक बयान दिया, "तुम जानते हो क्या? बहुत सीधे और ईमानदार हो। इसीलिए तुम परेशान हो रहे हो। पिताजी ये बात कहकर वहां से चले गए। मैं भावुक इंसान नहीं हूं। मुझे लगता है कि मैं काफी मजबूत हूं लेकिन मैंने खुद को इससे दूर कर लिया और फिर मैं कमरे में खुद को बंद करके रोने लगा। मैं बहुत देर तक रोता रहा। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे पिता ऐसा कहेंगे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें एहसास भी हुआ कि उन्होंने क्या कहा।"

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इन्हीं सब वजहों से अश्विन ने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया था। हालांकि, कुछ लोगों की सलाह के बाद उन्होंने अपना फैसला बदला और इससे वो सही पटरी पर लौट पाए। अश्विन ने अपनी क्रिकेट छोड़ने के फैसले से जुड़ी कहानी सुनाई। उन्होंने बताया, "मैंने क्रिकेट छोड़ने का फैसला किया। मैं खुद से पूछ रहा था कि मैं क्या करूंगा? और मैंने कहा कि मैं जीवन में जो कुछ भी करूंगा, उसमें उत्कृष्टता हासिल करने की कोशिश करूंगा और उस पेशे में जितना अच्छा हो सकता हूं बनूंगा। मैं शायद एमबीए करने की कोशिश करूंगा और शायद मार्केटिंग में रहूंगा। मैंने अपने आप को बहुत सारे विकल्प दिए और फिर सोचा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले मुझे एकदम साफ सोच लेना चाहिए। तभी मैंने कुछ बाहरी मदद मांगी और इससे मेरी जिंदगी बेहतर हो गई।"

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