बेंगलुरू भगदड़ मामला: CID को सौंपी गई जांच, SIT गठित होगी; हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश

CID को सौंपी गई जांच, SIT गठित होगी; हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश
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Bengaluru stampede case: बेंगलुरू भगदड़ में 11 की मौत के मामले की जांच अब CID करेगी। SIT का गठन होगा। कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की।

Bengaluru stampede case: बेंगलुरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में 4 जून को हुए हादसे ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। आरसीबी की विक्ट्री परेड के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 56 से अधिक लोग घायल हो गए। इस हादसे के बाद अब कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच को गंभीरता से लेते हुए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया है कि अब इस मामले की जांच आपराधिक जांच विभाग (CID) करेगी और एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन भी किया जाएगा।

यह जांच बेंगलुरु सिटी जिले के डिप्टी कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी। रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर पेश की जाएगी। जांच का उद्देश्य भगदड़ के कारणों, संभावित लापरवाही, और जवाबदेही तय करना है। यह हादसा 4 जून 2025 को RCB की IPL जीत के बाद आयोजित विक्ट्री परेड के दौरान हुआ था।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना तब घटी जब बेंगलुरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB टीम की विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया था। परेड की खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद बड़ी संख्या में प्रशंसक स्टेडियम के बाहर पहुंच गए। वहां मौजूद सुरक्षा व्यवस्थाएं इस भीड़ को संभालने में नाकाम रहीं और अफरा-तफरी मच गई। इस भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और 56 अन्य घायल हो गए।

सरकार की कार्रवाई

राज्य सरकार ने इस मामले में बेंगलुरु के कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में अपराध संख्या 123/2025 के तहत एफआईआर दर्ज की। यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की निम्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है:

  • धारा 105 (गैर इरादतन हत्या)
  • धारा 125(1)(2) (उकसावे से दंगा)
  • धारा 132 (सार्वजनिक सुरक्षा में लापरवाही)
  • धारा 121/1
  • धारा 190
  • साथ ही BNS की धारा 3(5)

सरकार ने हाई कोर्ट को सौपी गई अपनी स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि इस मामले की जांच अब CID को सौंप दी गई है, और आगे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाएगा।

CID और SIT की भूमिका

CID का कार्य इस मामले की निष्पक्ष, गहन और वैज्ञानिक ढंग से जांच करना होगा। SIT में अनुभवी पुलिस अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो साक्ष्यों को एकत्र कर, जिम्मेदारों की पहचान करेंगे और न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करेंगे।

हाई कोर्ट की निगरानी

इस पूरे मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट नजर बनाए हुए है। कोर्ट ने राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी, जिसके जवाब में सरकार ने यह जानकारी सौंपी। संभावना जताई जा रही है कि कोर्ट आगे SIT की प्रगति रिपोर्ट पर भी निगरानी रखेगा।

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