प्रणब मुखर्जी की किताब में 'जवाहरलाल नेहरू' को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, जानें पूरा मामला
प्रणब मुखर्जी ने इस किताब में कहा है कि नेहरू का मानना था कि विभिन्न पीएम विदेश नीति, सुरक्षा और आंतरिक प्रशासनिक मुद्दों पर अलग-अलग फैसले ले सकते हैं, भले ही वे सभी एक ही पार्टी के हों।

प्रणब मुखर्जी
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब 'द प्रेसिडेंशियल इयर्स' (The Presidential Years) में पंडित जवाहरलाल नेहरू को लेकर बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। प्रणब दा ने पुस्तक में दावा किया है, जवाहरलाल नेहरू ने नेपाल के भारत में विलय के राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
प्रणब मुखर्जी ने किताब में लिखा है कि नेपाल के तत्कालीन राजा त्रिभुवन बीर बिक्रम शाह ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को प्रस्ताव दिया था कि नेपाल को भारत का एक प्रांत बनाया जाए, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि नेपाल एक स्वतंत्र देश है। और यह एक आजाद देश बना रहना चाहिए।
प्रणब मुखर्जी ने इस किताब में यह कहा है कि नेहरू का मानना था कि विभिन्न पीएम विदेश नीति, सुरक्षा और आंतरिक प्रशासनिक मुद्दों पर अलग-अलग फैसले ले सकते हैं, भले ही वे सभी एक ही पार्टी के हों।
इतना ही नहीं, प्रणब मुखर्जी ने अपनी पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल इयर्स' में नेपाल के बारे में भी लिखा है, उन्हें लगता है कि अगर भारत में शामिल करने का नेपाल का प्रस्ताव नेहरू की जगह इंदिरा गांधी को दिया जाता तो वह सिक्किम की तरह इस अवसर पर चूकती नहीं।
प्रणब दा ने उल्लेख किया है कि हर एक प्रधानमंत्री की अपनी कार्यशैली होती है। लाल बहादुर शास्त्री ने तमाम ऐसे निर्णय लिए थे जो जवाहर लाल नेहरू से बहुत अलग थे। विदेश नीति, सुरक्षा और आंतरिक प्रशासन जैसे मुद्दों पर एक ही पार्टी से आने पर भी प्रधानमंत्रियों के बीच अलग-अलग धारणाएं हो सकती हैं।