Dhruv Rathee ने बीजेपी को फिर किया टारगेट: WhatsApp के जरिए ब्रेनवॉश करने का लगाया आरोप, मीडिया एंकर्स को भी घेरा

Dhruv Rathee Brainwashed Video
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यू ट्यूबर ध्रुव राठी ने अपने नए वीडियो में एक बार फिर से बीजेपी को टारगेट किया है।
Dhruv Rathee: यूट्यूबर ध्रुव राठी ने दूसरे फेज की वोटिंग से पहले नया वीडियो जारी किया है। राठी ने इसे ब्रेनवॉश्ड (Brainwashed) टाइटल दिया है। हमेशा की तरह इस बार भी ध्रुव राठी ने इस वीडियो में BJP के खिलाफ बात की है।

Dhruv Rathee: यूट्यूबर(Youtuber) ध्रुव राठी ने दूसरे फेज की वोटिंग से पहले ब्रेनवॉश्ड (Brainwashed) टाइटल वाला एक वीडियो जारी किया है। ध्रुव राठी ने इसमें हिटलर की प्रोपगैंडा थ्योरी को बीजेपी से जोड़ने की कोशिश की है। ध्रुव राठी ने मीडिया रिपोर्ट्स की अथॉनेटिसिटी पर भी सवाल उठाया है। इसके साथ ही कई मीडिया एंकर्स की रिपोर्ट्स की क्लीपिंग दिखाकर उस पर सवाल उठाए। यह कमोबेश बीजेपी के खिलाफ एजेंडा चलाने के मकसद से बनाए गए राठी के दूसरे वीडियो की तरह ही है।

सोशल मीडिया एंफ्लूएंसर से पॉलिटकल टूल में बदले ध्रुव राठी?
ध्रुव राठी ने अपने यू ट्यूब वीडियो पर करीब आधे घंटे का वीडियो डाला है। वहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक मिनट 37 सेकंड का वीडियो साझा किया है। जिसमें अपने यू ट्यूब वीडियो वाले वीडियो का कुछ हिस्सा पोस्ट किया है। सोशल मीडिया X पर पोस्ट किए गए वीडियो में किसी कांग्रेस प्रवक्ता की तरह कांग्रेस पार्टी के मैनिफेस्टो का बचाव करने की पूरी कोशिश की है। इन दोनों वीडियो के दो अलग अलग सोशल मीडिया पर पोस्ट होने के बाद से ही एक बार फिर से बहस छिड़ गई है कि क्या ध्रुव राठी सोशल मीडिया एंफ्लूएंसर से पूरी तरह से एक पॉलिटकल टूल में बदल गए हैं, जिनका इस्तेमाल पार्टियां अपने निजी हित के लिए कर रही हैं।

बीजेपी आईटी सेल पर साधा निशाना
ध्रुव राठी ने बीजेपी आईटी सेल पर भी खुलकर हमला किया है। ध्रुव ने अपने वीडियो में यह बताने की कोशिश है कि बीजेपी आईटी सेल झूठ फैला रहा है। एक ओर ध्रुव राठी ने व्हाट्सप्प के जरिए सर्कुलेट होने वाले वीडियो और मैसेजेस पर सवाल उठाया है, वहीं दूसरी ओर अपने व्हाट्सएप्प चैनल को सब्सक्राइब करने की अपील की है। राठी ने अपने डेढ़ करोड़ सब्सक्राइबर्स के साथ मिलकर सौ करोड़ मैसेजे सर्कुलेट करने की योजना का खुलासा किया है। लगे हाथों ध्रुव राठी ने अपने एप्प का भी जमकर प्रोमोशन किया है।

संविधान और लोकतंत्र बचाने की दुहाई
ध्रुव राठी ने संविधान ओर लोकतंत्र बचाने की दुहाई दी है। लोकतंत्र को बचाना अपना धर्म बताते हुए ध्रुव राठी ने वीडियो में सब्सक्राबर्स से फैक्ट चेक वाले वीडियो बनाने की अपील की है। ध्रुूव राठी ने कुछ बीजेपी का समर्थन करने वाली महिला की वीडियो क्लिपिंग्स को दिखाकर यह बताने की कोशिश की है कि मोदी के प्रति समर्थन दिखाने वाले समर्थकों का ब्रेनवॉश किया गया है। बार बार लोकतंत्र के खतरे में होने की बात कही है। सीधे तौर पर कहा कि जो लोग मोदी को वोट देने की बात कह रहे हैं, दरअसल उनका ब्रेनवाश किया है और इसके पीछे Whatsapp University जिम्मेदार है। वीडियो में ध्रुव राठी का लहजा एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर जैसा कम बल्कि एक विपक्षी नेता जैसा ज्यादा नजर आ रहा है।

फेक व्हाट्सप्प मैसेज का किया जिक्र
ध्रुव राठी ने वीडियो में आरोप लगाया है कि माफिया सुनियोजित ढंग से Whatsapp के जरिए झूठे मैसेज फैलाते हैं। राजस्थान में मंदिर को ढ़हाए जाने को लेकर एक न्यूज एंकर पर दर्ज हुए मामले का जिक्र भी ध्रुव वीडियो में करते नजर आ रहे हैं। ध्रुव राठी ने अपने वीडियो में दावा किया है कि सरकार ने झूठे व्हाट्सप्प मैसेज फैलाने वाले वीडियो पर एक्शन नहीं ले रही है। एक बार फिर से केरला स्टोरी का मुद्दा उठाया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस फिल्म पर की गई टिप्पणी का भी जिक्र किया।

जर्मन तानाशाह हिटलर का दिया संदर्भ
ध्रुव राठी ने वीडियो में जर्मन तानाशाह हिटलर का संदर्भ दिया है। पाकिस्तानी तानाशाह जिआ ऊल हक का संदर्भ दिया। इसके साथ ही गोलवलकर और वीर सावरकर के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए इन दोनों शख्स को हिटलर के विचारों से प्रभावित बताया। बता दें कि ध्रुव राठी ने पहली बार अपने वीडियो में बीजेपी पर निशाना साधा है। अगर ध्रुव राठी के यू ट्यूब चैनल पर गौर करें तो कई ऐसे वीडियो मिल जाएंगे जिनमें ध्रुव राठी ने बीजेपी और भारत सरकार को टार्गेट करने की कोशिश की है।

सोशल मीडिया यूजर्स बंटे
ध्रुव राठी के वीडियो के थंबनेल पर ' Brainwashed' लिखा है और पीएम मोदी की तस्वीर भी है। इस नए वीडियो पर सोशल मीडिया यूजर्स बंटे नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। जहां कुछ लोग ध्रुव राठी का समर्थन कर रहे हैं। वहीं कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि अपने इस वीडियो के जरिए ध्रुव राठी ने बीजेपी और प्रधानमंत्री की छवि धूमिल करने की कोशिश की है।

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