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Who is Sam Pitroda: 1984 के दंगे पर पित्रोदा का 'हुआ तो हुआ' बयान काफी वायरल हुआ था। आलम है कि 5 साल पुराना उनका यह बयान एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रॉप ट्रेंडिंग में है। 

Who is Sam Pitroda: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का विरासत टैक्स को लेकर दिया बयान सुर्खियो में हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग से ठीक 2 दिन पहले बुधवार, 24 अप्रैल को कहा कि अमेरिका में किसी शख्स के मरने के बाद उसकी 55 फीसदी संपत्ति सरकार जब्त कर लेती है और 45 फीसदी संपत्ति ही परिवार को मिलती है। इसे विरासत टैक्स कहते हैं जो अमेरिका में लागू है। भारत में भी इस तरह के कानून पर डिबेट की जरूरत है। बस क्या था...भाजपा पित्रोदा के बयान को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो गई। 

लेकिन यह पहला मौका नहीं है, जब पित्रोदा के किसी बयान पर बवाल मचा हो और कांग्रेस को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा हो। 1984 के दंगे पर पित्रोदा का हुआ तो हुआ बयान काफी वायरल हुआ था। आलम है कि 5 साल पुराना उनका यह बयान एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रॉप ट्रेंडिंग में है। 

तो पढ़िए उनके चार विवादित बयान
1984 का दंगा हुआ तो हुआ: 2019 में लोकसभा चुनाव के वक्त सैम पित्रोदा ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों को लेकर विवादित बयान दिया था। भाजपा ने आरोप लगाया कि तत्कालीन पीएम राजीव गांधी के इशारे पर सिख दंगे हुए थे। पित्रोदा ने इसे झूठ बताया और कहा था कि अब क्या है, 84 का। आपने 5 साल में क्या किया, उसकी बात करिए। 1984 में हुआ तो हुआ। 

मिडिल क्लास को अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए: अप्रैल 2019 में सैम पित्रोदा एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि देश के मिडिल क्लास को पार्टी के प्रस्तावित न्याय योजना को फंड करने के लिए अधिक से अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। 

पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं: 2019 में पुलवामा हमले के जवाब सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की तो पित्रोदा ने सबूत मांगे थे। उन्होंने कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं। मुंबई में भी हुआ था। 

मंदिरों से नहीं मिलता रोजगार: जून 2023 में पित्रोदा ने कहा था कि मंदिरों से बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी समस्याओं का हल नहीं होगा। बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा जैसे मुद्दों पर कोई बात नहीं करता है। लेकिन राम, हनुमान और मंदिर की हर कोई बात करता है। मंदिरों के निर्माण से रोजगार नहीं मिलेगा। 

सैम पित्रोदा पर मजेदार मीम्स वायरल

कौन हैं सैम पित्रोदा?
मूलत: ओडिशा के तितिलागढ़ के रहने वाले सैम पित्रोदा का जन्म 1942 में हुआ था। उनका पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। उन्होंने गुजरात से पढ़ाई की है। वड़ोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। जहां उन्होंने शिकागो में स्थित इलिनोइस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 1964 में फिजिक्स में मास्टर्स किया। वह शिकागो में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। गांधी परिवार के करीबी लोगों में से एक हैं। 

सैम पित्रोदा के पास अमेरिका की नागरिकता है। 1984 में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के बुलावे पर वे भारत आए थे। तब उन्होंने अमेरिकी नागरिकता छोड़ दी थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने उन्हें अपना सलाहकार बनाया था। राजीव ने उन्हें टेलीकॉम, वाटर, शिक्षा जैसे 6 टेक्नोलोजी मिशन का हेड बनाया था। 2004 में पीएम रहे मनमोहन सिंह ने उन्हें नेशनल नॉलेज कमीशन का अध्यक्ष बनाया था। 2009 में सैम पित्रोदा पीएम मनमोहन सिंह के सलाहकार बनाए गए थे। तब उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा भी मिला था।

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