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कोरोना महामारी के दौर में डिजटली एकजुट हो रहे संगठन

कुटुंब पर संस्था अपना प्राइवेट अकाउंट बनवाती है और फिर संस्था अपने लोगों को इसपर जोड़ सकती है | बेहतर तरीके से अपने संगठन के लोगों को आपस में जोड़ सकते है और संगठन मजबूत करने के साथ अपने विचारों को अपनों के बीच में चर्चा के लिए रख सकते हैं |

कोरोना महामारी के दौर में डिजटली एकजुट हो रहे संगठन
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कुटुंब एप्लीकेशन कोरोना काल में संगठनों की गतिविधियों को निरंतर जारी रखने हेतु एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म बनकर उभरा है | महामारी के आने व कोरोना गाइडलाइन के लागू होने के बाद जब एक के बाद एक सभी कार्य बंद होने लगे और लोग अपने लोगों से मदद लेने और अपने कार्य को करने में असमर्थ होने लगे तो कुटुंब एप्प वरदान बनकर उभरा है |

यह एप्लीकेशन आई आई टी बाम्बे के अभिषेक केजरीवाल के दिमाग की उपज है | इस बार में जब हमनें कुटुंब एप्लीकेशन के बिजनेश हेड, आई आई टी कानपूर से पढे स्वतंत्र वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि यह पूर्ण रूप से स्वदेशी और भारत सरकार द्वारा स्टार्ट अप इंडिया के अंतर्गत मान्यता प्राप्त एप्लीकेशन है | कुटुंब पर संस्था अपना प्राइवेट अकाउंट बनवाती है और फिर संस्था अपने लोगों को इसपर जोड़ सकती है | कुटुंब पर आप फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे विदेशी एप्प से ज्यादा बेहतर तरीके से अपने संगठन के लोगों को आपस में जोड़ सकते है और संगठन मजबूत करने के साथ अपने विचारों को अपनों के बीच में चर्चा के लिए रख सकते हैं | कोरोना काल में बहुत सी प्रामाणिक समाजिक संस्थाएं इस पर दान भी इक्कट्ठा करने का काम कर रही हैं जिससे उन्हे तमाम लोगो कि मदद करने मे आम जनता का सेहयोग और शक्ती मिल रही | यह प्लेटफॉर्म अभी फ्री पेमेंट गेट वे की सुबिधा भी प्रदान कर रहा है जिसका महामारी के दौर में एन जी ओ और समाज सेवी संस्थाएं इसका लाभ उठा रही हैं | पहले इन संगठनों को दान देंने के लिए बिचौलियों से सम्पर्क करना पड़ता था जिससे फंड्स के तमाम गबन की खबरे आती थी पर अब इन संस्थाओं से जुड़े लोग या संस्थाओं के कार्य प्रणाली से प्रभावित लोग पेमेंट गेट वे के माध्यम से डायरेक्ट online दान दे सकते हैं और दान सीधे संस्था के registered खाते मे जमा हो जाता है और दान की गई राशी का रशीद भी प्राप्त हो जाती हैं | नाम गोपनीय रखने कि शर्त पर एक संस्था के अध्यक्ष ने बताया कि पेहले जहा संस्था को मिलने वाला आधा दान संस्था तक नही पहुच पाता था वही अब हम पेहले से दुगना राहत कार्य गरीबो के लिये कर प रहे जो कि खासकर इस महामारी के समय जीवन दाता के रूप मे काम कर रहा | कुटुंब app के बाकी और भी feature किसी न किसी तरीके से संगठन के लोगो को लाभ पहुचा रहे है

क्या हैं इसके मुख्य फीचर ?

1. सुरक्षित और private app संस्था के लिये

2. सभी मुख्य घोषणाओं के लिए अलग सूचना बोर्ड और हर एक मेंबर को नोटिफिकेशन, 100% पहुच (facebook पर पहुच 5 % से भी कम)

3. पंजीकृत संस्था सामाजिक कार्यो के लिए डोनेशन इकट्ठा कर सकते है

4. Digital ID Card - डिजिटल सदस्यता देना संस्था के लिये बिलकुल आसान

5. चैट ग्रुप्स - समूह चैट करें बिना किसी लिमिट के (whatsapp 256 member only)

6. मेंबर का लीडरबोर्ड - कौन कितने लोग संस्था मे जोड़ रहा

7. लाइव ऑडियो बातचीत without limit सभी सदस्यो से एक साथ

कौन कौन सी मुख्य संस्थाएं जुड़ चुकी हैं इस प्लेटफॉर्म से ?

इसकी विशेषतओं को देखते हुए 10,000 से ज्यादे संगठन इस एप्लीकेशन से जुड़ चुके हैं |

इनमे से मुख्य संस्थाएं निम्नलिखित हैं |

.1. NOPRUF (राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा)

2. अखिल भारतीय मनरेगा कर्मचारी महासंघ, नई दिल्ली

3. कोरोना योध्दा कर्मचारी परिषद

4. All India Ayurveda Doctors & Students Association

5. शारीरिक शिक्षा एवं खेल विकास समिति

6. मराठा महासंघ

7. All Gujarat Nursing Union

8. All India Professional Photographers (AIPP)

9. Akhil Bhartiya Pharmacist Association

10. रेलवे कर्मचारी परिवार

11. भारतीय कलाकार संघ

12. सलून अँन्ड पार्लर असोसिएशन

13. मिशन शिक्षण संवाद

14. मुख्यमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान (CMJKYPPA)

15. Bhartiya Kisan Union, BKU

16. उत्तर प्रदेश कृषि छात्र संघ

17. Delhi University Student and Alumni Group

18. TEACHING WITH TLM

19. पोल्ट्री व्यावसायिक

20. Teachers of Bihar

"कुटुंब"भारत में कैसे बन रहा है उपयोगी ?

गौर तलब है कि भारतीय किसान यूनियन नें कोरोना काल में अपने आन्दोलन को धार देनें के लिए इस एप्लीकेशन का सहारा लिया था | बी के यू द्वारा इस एप्लीकेशन को 12 फरवरी को इसे लांच किया गया और इसी दिन इस एप्लीकेशन से 30,000 लोग जुड़ गये थे | इसके अलावे पुरानी पेंशन बहाली के लिए देश भर में चलाये जा रहे आन्दोलन हेतू भी इस एप्लीकेशन का सहारा लिया जा रहा है जिसमें 66 लाख कर्मचारियों तक इस मुहीम को पहुचानें का प्रयास किया जा रहा है | कछ संगठन जैसे कि अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन तथा आल इंडिया प्रोफेशनल फोटोग्राफर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं के लिए देश भर में सदस्य बनाना पहली बार कुटुंब के जरिये ही सम्भव हों पाया है |

इस संदर्भ में यह बात महत्वपूर्ण है कि कुछ संगठन जैसे कि अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन तथा आल इंडिया प्रोफेशनल फोटोग्राफर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं के लिए देश भर में सदस्य बनाना पहली बार कुटुंब के जरिये ही सम्भव हों पाया है |

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