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Menstrual Suppression: महिलाएं ही नहीं कम उम्र की लड़कियां भी अपना रही सप्रेशन मैथड, जानिए वजह

Menstrual Suppression: कम उम्र में सप्रेशन मैथड अपनाना कितना हेल्दी हो सकता है। यहां जानिए मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन के बारे में अहम जानकारियां।

Menstrual suppression treatment stops periods
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मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन ट्रीटमेंट से पीरियड्स बंद हो जाते हैं।

Menstrual Suppression Treatment: पीरियड्स एक नेचुरल प्रोसेस है, इसके आने और जाने का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। महिलाएं पिछले महीनों की तारीखों से महज अनुमान लगाती हैं कि इस महीने Periods कब तक आएंगे। हम सभी जानते हैं कि पीरियड्स अपने साथ असहनीय दर्द, हार्मोनल इंबेलेंस, क्रैम्प्स और मूड स्विंग्स लेकर आते हैं। लगभग 13 साल की उम्र से पीरियड्स का सामना करना पड़ता है। यही कारण हैं कि एक समय के बाद महिलाएं अपने पीरियड्स को बंद करवाने के लिए ट्रीटमेंट शुरू करवा देती हैं। पीरियड्स होना हर महिला के लिए बहुत जरुरी होता है। लेकिन आजकल महिलाएं ही नहीं कम उम्र की लड़कियां भी पीरियड्स को बंद करवाने के लिए ट्रीटमेंट ले रही हैं।

जानिए मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन क्या है

महिलाओं द्वारा पीरियड्स को रोकने के लिए हो रहे इस ट्रीटमेंट को Menstrual Suppression कहते हैं। इस प्रोसेस में दवाइयों की मदद से पीरियड्स को काफी कम या फिर बंद ही कर दिया जाता है। बता दें कि इस ट्रीटमेंट से ब्लड फ्लो को भी कम किया जा सकता है। मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन को डॉक्टरों की देखरेख में ही किया जाता है। इस प्रोसेस को आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि कम से कम एक बार पीरियड्स आए हों। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरूआत कैसे हुई, क्या इसके इस्तेमाल के बाद भी मां बन सकते हैं।

महिलाएं क्यों ले रही इस ट्रीटमेंट का सहारा

महिलाओं द्वारा सप्रेशन मैथड का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब उनका ब्लड फ्लो बहुत ज्यादा होता है। क्योंकि इस स्थिति में शरीर से ज्यादा खून निकलता है, साथ ही उनके सिर और पेट में असहनीय दर्द होता है। इस ट्रीटमेंट को करवाने की सलाह कई बार डॉक्टर्स खुद देते हैं। लेकिन सबसे पहले इस ट्रीटमेंट की जरूरत उन महिलाओं और युवतियों के लिए महसूस की गयी थी, जो शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग थीं। क्योंकि वह अपने शरीर की केयर, साफ-सफाई और देखरेख करने में असमर्थ थीं। इसके बाद दूसरे नंबर पर आर्मी की महिलाएं आती हैं। आर्मी की महिलाओं के साथ देश की रक्षा का सवाल जुड़ा होता है। अब क्योंकि पीरियड्स के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल चेंजेस होते हैं। ऐसे में महिलाओं को चिड़चिड़ेपन की शिकायत भी होती है। इसलिए पीरियड्स को रोकने संबंधी ट्रीटमेंट कराया जा रहा है।

सप्रेशन मैथड अपनाकर शरीर में होते हैं ये बदलाव

आपको बता दें कि एक स्वस्थ महिला अपनी लाइफ के लगभग 40 साल पीरियड्स में बिताती है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में रिप्रोडक्टिव हॉर्मोन्स इम्बैलेंस होते हैं। इस दौरान होने वाले असहनीय दर्द को कोई समझ नहीं सकता। इसका सीधा असर महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। किसी को पेट-कमर में बहुत दर्द होता है, तो कोई इस दौरान मूड स्विंग्स की समस्या झेलता है। यही कारण है कि कंडीशन में चाहे घर हो या ऑफिस कुछ भी काम कर पाना बहुत मुश्किल होता है। समाज में इस दर्द को हल्के में लिया जाता है, यही सबसे बड़ी वजह है कि अब महिलाएं मेन्स्ट्रुअल सप्रेशन की मदद से पीरियड्स को बंद करवा रही हैं।

ट्रीटमेंट कैसे किया जाता है

आपको बता दें कि इस ट्रीटमेंट में सबसे पहले बर्थ कंट्रोल पिल्स दी जाती हैं। जिनकी सहायता से पीरियड्स को पूरी तरह से बंद न करके बल्कि ब्लड फ्लो को कम कर दिया जाता है। इसमें होता ये है कि दर्द कम होने के कारण सहन किया जा सकता है। इसके बाद दूसरा तरीका आता है जिसे स्किन पैच कहते हैं। इस तरीके में महिलाओं के पीरियड्स को एक निश्चित समय यानि 4 महीने के लिए बंद कर दिया जाता है। यानि हर 4 महीने में महिलाओं के पीरियड्स आते हैं। हालांकि इस ट्रीटमेंट का उपयोग विदेशों में होता है, भारत में इसका चलन नहीं है। ध्यान रहे कि सप्रेशन मैथड पर आने से पहले डॉक्टर पेशेंट की पूरी जांच करते हैं कि कहीं उनकी कोई मेडिकल हिस्ट्री तो नहीं है। अगर महिलाओं में ऑर्गन से संबंधित कोई समस्या, या किसी गंभीर बीमारी की संभावना होती है तो यह ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है या ताल दिया जाता है।

सप्रेशन मैथड अपनाने के बाद क्या मां बन सकते हैं

अब तक यह नहीं कहा जा सकता है कि इस ट्रीटमेंट से प्रेगनेंसी हो सकती है या नहीं। कई विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक आप दवाइयां ले रहे तब तक यह मुमकिन नहीं है, दवाइयां न लेने पर प्रेगनेंसी संभव हो सकती है। लेकिन इसके लिए कपल को रिप्रोडक्टिव तोर पर बहुत हेल्दी होना चाहिए। इस पॉइंट पर अब भी रिसर्च की जा रही है, यही कारण है कि विशेषज्ञ कम उम्र की लड़कियों को सप्रेशन मैथड से बचने की सलाह देते हैं और बस वही महिलाएं इस तरीके को अपना सकती हैं जो अपना परिवार बना चुकी होती हैं।

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