Baby Skin Care: मानसून में नन्हे बच्चों की स्किन की देखभाल, जानिए कैसे करें

New Born Baby त्वचा की देखभाल बेहद जरूरी
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बारिश में बच्चे के स्किन की देखभाल (Image: Grok) 

बच्चों की नाजुक त्वचा होती है, इसलिए बारिश के मौसम में खास देखभाल करना बेहद जरूरी है। इस मौसम में आखिर बच्चों की स्किन की देखभाल कैसे करें।

Monsoon skin care for kids: मानसून की रिमझिम बारिश और ठंडी हवाएं जहां बड़े-बुजुर्गों को सुकून देती हैं, वहीं छोटे बच्चों के लिए यह मौसम कई बार परेशानी लेकर आता है। बारिश के साथ आती है नमी, गंदगी, मच्छर और बैक्टीरिया, जो नन्हे बच्चों की नाजुक त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बच्चों की स्किन बड़ों की तुलना में कहीं ज्यादा सेंसिटिव होती है, इसलिए इसे विशेष देखभाल की जरूरत होती है।

अगर मानसून में जरा सी भी लापरवाही की जाए, तो बच्चों को रैशेज़, खुजली, फंगल इन्फेक्शन और स्किन एलर्जी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि माता-पिता इस मौसम में अपने बच्चों की स्किन केयर को लेकर सजग रहें और कुछ आसान लेकिन असरदार टिप्स को अपनाएं।

कॉटन के कपड़े पहनना चाहिए

मानसून में नमी और पसीना स्किन पर आसानी से जमा हो जाता है, जिससे जलन और रैशेज़ होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों को हल्के और ढीले कॉटन कपड़े पहनाना सबसे अच्छा विकल्प होता है। कॉटन के कपड़े त्वचा को सांस लेने देते हैं, पसीना जल्दी सूखता है और स्किन को सूखा एवं ठंडा बनाए रखते हैं। ध्यान रखें कि कपड़े बार-बार बदलें, खासकर जब बच्चे बाहर खेलकर आए हों या गीले हो गए हों। गीले कपड़े स्किन को सॉफ्ट बना देते हैं और फंगल संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

स्किन को साफ रखना बेहद जरूरी

मानसून में गंदगी और बैक्टीरिया बहुत जल्दी फैलते हैं, खासकर बच्चों के संपर्क में। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे की त्वचा को दिन में कम से कम दो बार गीले साफ कपड़े या वाइप्स से पोंछें। खासतौर पर गर्दन, कांख, घुटनों के पीछे और जांघों के पास की त्वचा पर ध्यान दें, क्योंकि यहां पसीना और गंदगी ज्यादा जमा होती है। बच्चों की त्वचा को रगड़-रगड़कर साफ करने से बचें, बल्कि कोमलता से सफाई करें। इससे स्किन की प्राकृतिक नमी बनी रहेगी।

बच्चे को हफ्ते में 3 बार से ज्यादा न नहलाएं

हालांकि गर्मी में रोज नहलाना सामान्य बात है, लेकिन मानसून में रोजाना नहलाना जरूरी नहीं। बहुत अधिक नहलाने से बच्चों की स्किन रूखी हो सकती है, जिससे उसमें दरारें पड़ सकती हैं या खुजली शुरू हो सकती है। इस मौसम में हफ्ते में 3 बार गुनगुने पानी से बच्चे को नहलाना पर्याप्त होता है। नहाने के बाद अच्छी क्वालिटी का बेबी मॉइस्चराइज़र जरूर लगाएं ताकि स्किन की softness बनी रहे और नमी लॉक हो जाए।

बेबी प्रोडक्ट्स सोच-समझकर इस्तेमाल करना चाहिए

हर बच्चा अलग होता है और हर स्किन टाइप पर एक ही प्रोडक्ट सही नहीं बैठता। मानसून में बच्चों की स्किन और भी ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। ऐसे में केमिकल युक्त साबुन, शैम्पू, लोशन या पाउडर का इस्तेमाल स्किन को नुकसान पहुंचा सकता है। केवल डर्मेटोलॉजिस्ट-टेस्टेड और हाइपोएलर्जेनिक प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। बेबी वाइप्स, बेबी ऑयल और लोशन खरीदते समय उनकी सामग्री जांच लें।

घर के वातावरण को साफ रखना जरूरी है

बच्चों की स्किन केयर सिर्फ बाहरी चीज़ों तक सीमित नहीं है। मानसून में घर के अंदर की नमी और सीलन भी इंफेक्शन का कारण बन सकती है।

बच्चों के कमरे को सूखा और हवादार रखें।

बिस्तर, तकिए और कपड़ों को समय-समय पर धूप में सुखाएं।

बच्चों के खेलने वाले टॉयज़ भी साफ रखें और समय-समय पर सैनिटाइज़ करें।

मानसून में बच्चे की देखभाल कितनी जरूरी

मानसून में नन्हे बच्चों की स्किन की देखभाल चुनौती जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। थोड़ी सी जागरूकता, सही कपड़े, सीमित स्नान और सुरक्षित स्किन प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से आप अपने बच्चे को स्किन समस्याओं से बचा सकते हैं।

(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर आपके बच्चे को त्वचा से संबंधित किसी तरह की समस्या है तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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