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हार्ड कौर ने सिंगिंग में किए नए-नए एक्सपेरिमेंट

हार्ड कौर बॉलीवुड म्यूजिक में अब पूरी तरह रम चुकी हैं।

हार्ड कौर ने सिंगिंग में किए नए-नए एक्सपेरिमेंट
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मुंबई. हार्ड कौर बॉलीवुड म्यूजिक में अब पूरी तरह रम चुकी हैं। वह न सिर्फ हिंदी फिल्मों के लिए गा रही हैं, बल्कि संगीतकार के तौर पर भी अपनी जगह बना रही हैं। ‘फालतू’, ‘बबलू हैप्पी है’ और ‘शौकीन’ जैसी फिल्मों के लिए उन्होंने जो हिट गाने दिए हैं, उनमें म्यूजिक भी उन्हीं का ही है।
अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म ‘सिंह इज ब्लिंग’ में भी उनके संगीत से सजा एक गाना है। इस गाने में आवाज भी उन्हीं की है। अलग किस्म की गायकी से उन्होंने बहुत जल्द ही अपनी पहचान बना ली है। इस दौर में रैप म्यूजिक या हिप-हॉप सॉन्ग को जो एक नई पॉपुलैरिटी मिली है, उसका के्रडिट हार्ड कौर को बिना सोचे दिया जा सकता है।
खुद हार्ड कौर का भी कहना है, ‘जब मैंने बॉलीवुड में कदम रखे, तब रैप म्यूजिक के बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते थे। लोग बाबा सहगल या बाली ब्रह्मभट्ट के रैप म्यूजिक को भूल चुके थे। ऐसे में रैप म्यूजिक को नए सिरे से यहां शुरू करना चैलेंज था। वैसे भी मैं लंदन से आई थी। वहां म्यूजिक का माहौल एकदम अलग था। लेकिन मैं ठानकर आई थी कि बॉलीवुड में कुछ नया करना है और मैंने यह सब किया भी।’

ऐसे बनी पहचान
कुछ साल पहले तक हार्ड कौर की बॉलीवुड में कोई पहचान नहीं थी। वे लंदन में अश्वेत गायकों के साथ परफॉर्म करती थीं। एक दिन उनकी मां ने कहा कि वे कब तक दूसरे देश के लोगों के लिए गाती रहेंगी। इससे तो अच्छा है कि वे अपने लोगों के लिए हिंदी और पंजाबी में गाने गाएं। यह बात हार्ड को जम गई। उसी पल उन्होंने ठान ली कि वे इंडिया में कुछ नया करेंगी और बॉलीवुड में अपने टैलेंट की धाक जमा देंगी।
वाकई उन्होंने ऐसा ही किया। वे इंडिया आर्इं और शंकर, एहसान, लॉय, प्रीतम, विशाल शेखर और सचिन जिगर जैसे कई संगीतकारों से मिलीं। उनके साथ यह अच्छी बात थी कि उन्हें सभी संगीतकार जानते थे। इसी वजह से उन्हें काम पाने में ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। हार्ड कौर बताती हैं, ‘सबसे पहले मुझे शंकर, एहसान, लॉय की तिकड़ी ने मौका दिया। मैंने श्रीराम राघवन की फिल्म ‘जॉनी गद्दार’ के लिए ‘मूव योर बॉडी...’ जैसा गाना गाया।
बाद में प्रीतम दा ने ‘किस्मत कनेक्शन’ और ‘सिंह इज किंग’ के लिए गवाया। इसके बाद विशाल शेखर और सचिन जिगर ने मौके दिए। फिल्म ‘फालतू’ के गाने ‘चार बज गए हैं, लेकिन पार्टी अभी बाकी है...’ ने मुझे पॉपुलैरिटी दी। इसके बाद तो मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।’

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