मैं 'पिशाचनी' बनकर बहुत खुश हूं : संगीता घोष
इन दिनों स्टार प्लस के सीरियल ‘दिव्य दृष्टि’ में संगीता घोष पिशाचनी के रोल में नजर आ रही हैं। उनका किरदार अपनी शैतानी ताकतों का इस्तेमाल दो बहनों दिव्य और दृष्टि के खिलाफ करता है।

इन दिनों स्टार प्लस के सीरियल 'दिव्य दृष्टि' में संगीता घोष पिशाचनी के रोल में नजर आ रही हैं। उनका किरदार अपनी शैतानी ताकतों का इस्तेमाल दो बहनों दिव्य और दृष्टि के खिलाफ करता है। संगीता अपने रोल को उम्दा बनाने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं, क्योंकि वह एक्टिंग को लेकर बहुत डेडिकेटेड हैं।
इतना डेडिकेशन संगीता में कैसे आया? पूछने पर वह बताती हैं, 'मैं दस साल की उम्र से एक्टिंग कर रही हूं। मैं एक बेहद शर्मीली बच्ची थी लेकिन एक्टिंग करना मुझे अच्छा लगता था। मुझे कैमरे के सामने रहना पसंद था। मैंने यह फैसला किया कि मैं यही एक्टिंग में ही अपना करियर बनाऊंगी। मैंने टीवी सीरियल्स में एक्टिंग करने के साथ मॉडलिंग भी की।
अपने जुनून को पूरा करते हुए मैंने इस बात का पूरा ध्यान रखा कि मैं अपनी पढ़ाई पूरी करूं, क्योंकि यह भी बहुत जरूरी है। फिर साल 2001 में मुझे 'देश में निकला होगा चांद' में पम्मी का किरदार मिला, इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अब पीछे मुड़कर देखती हूं तो मुझे खुशी महसूस होती है कि तीस साल से भी ज्यादा समय में मैंने जिस तरह के रोल चुनें, वह बहुत अच्छे थे। मैं तो हमेशा ही एक्टिंग करना चाहती हूं, मैं एक्टिंग से कभी रिटायर नहीं होना चाहती।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App