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JEE Main Result 2024: जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम(जेईई) मेन-2024 के पहले अटेम्प का रिजल्ट एनटीए द्वारा जारी किया गया। अप्रैल में जेईई मेन की एक परीक्षा और होगी जिसके बाद फाइनल रैंक जारी की जाएगी।

JEE Main Result 2024: जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम(जेईई)मेन-2024 के पहले अटेम्प का रिजल्ट एनटीए द्वारा जारी किया गया। इस परीक्षा में सफल रहने वाले टॉप-20 कैटेगरी परसेंटाइल वाले जेईई एडवांस में शामिल होंगे, हालांकि अप्रैल में जेईई मेन की एक परीक्षा और होगी जिसके बाद फाइनल रैंक जारी की जाएगी। इसके बाद 12 वीं के 75 फीसदी अंकों के आधार पर एडवांस में बैठने का मौका मिलेगा जो कि 26 मई को आयोजित होगी। भोपाल से इस परीक्षा में राथर्व राठौड़ ने 
 99.96 परसेंटाइल के साथ टॉप किया है। वहीं गर्ल कैटेगरी में यशना बदिये ने 99.89 परसेंटाइल के साथ टॉप किया है। इसके अलावा केशव गर्ग ने 99.20, अथर्व दुबे ने 99.87 और शिवेन वाजपेयी ने 99.82 परसेंटाइल स्कोर किए।

पूरा एक महीना ठीक से पढ़ाई नहीं हो सकी 
गर्ल कैटेगरी में यशना बदिये ने 99.89 परसेंटाइल के साथ टॉप किया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा से पहले मेरा पैर फ्रैक्चर हो गया तो ऑपरेशन में रॉड डाली गई। इसी स्थिति में एक महीने वाला व्हीलचेयर पर परीक्षा देने गई। पूरा एक महीना ठीक से पढ़ाई नहीं हो सकी लेकिन मैंने अपनी प्रैक्टिस व प्रिपरेशन अच्छी होने की वजह से कॉफिडेंस रखा और एग्जाम दिया। अभी भी मैं व्हीलचेयर से ही कहीं आती-जाती हूं लेकिन अब एडवांस  की तैयारी में जुट चुकी हूं।

मेरा स्कोर देखकर मैं खुद और पैरेंट्स भी चौक गए
राथर्व राठौड़ ने 99.96 परसेंटाइल के साथ टॉप किया। उन्होंने बताया कि मेरा स्कोर देखकर मैं खुद और पैरेंट्स भी चौक गए। मैं नौवीं क्लास से तैयारी कर रहा था। पूरी प्रिपरेशन के दौरान मुझे केमेस्ट्री सबसे कठिन लगी क्योंकि इसको बहुत याद रखना होता है और पेपर में बहुत समझदारी से उसे लागू करना होता है। मेरी फिजिक्स सबसे स्ट्रॉन्ग रही। अब मैं बोर्ड एग्जाम पर फोकस कर रहा हूं क्योंकि उसमें भी 75 फीसदी कम से कम लाने होंगे तभी एडवांस दे सकूंगा। खाली समय में बास्केटब़ॉल खेलना पसंद करता हूं। इसके अलावा स्कूल में कराटे भी कराता था।

बिना मन के यह परीक्षा क्रेक नहीं हो सकती
हर्षित गर्ग ने बताया कि मैंने 10 वीं तक आराम से पढ़ाई की लेकिन 11 वीं से कोचिंग पर सीरियस हो गया। हालांकि बेस बनाना मैंने नौवीं क्लास से शुरू कर दिया था। पैरेंट्स को चाहिए वे आठवीं तक बच्चों को रिलेक्स रहने दें क्योंकि उसके बाद तो प्रेशन आता ही हैं। मैंने कोचिंग के अलावा पांच से छह घंटे पढ़ाई की। कभी भी बच्चों की इच्छा जाने बिना जेईई की तैयारी में उन्हें नहीं लगाना चाहिए क्योंकि बिना मन के यह परीक्षा क्रेक नहीं हो सकती।

जुड़वा बहन प्रियांशी के साथ मिलकर की तैयारी
देवांशी महतो ने बताया मैंने अपनी जुड़वा बहन प्रियांशी के साथ मिलकर तैयारी की। हम हमशक्ल हैं तो हमारी आदतें और पढ़ाई का तरीका भी एक जैसा है। जिस सब्जेक्ट में मुझे कठिनाई होती है, प्रियांशी मदद करती है और मैं भी वैसा ही करती हूं। हम दोनों मिलकर प्रैक्टिस करते थे और एक-दूसरे से अपनी प्रॉब्लम्स शेयर कर लेते थे। खाली समय में हम दोनों स्केचिंग और पेंटिंग करते थे।

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