Car Export: चीन, जर्मनी और जापान का कार एक्सपोर्ट में दबदबा, जानें भारत की प्रोग्रेस रिपोर्ट

Car Export Market
X
Car Export Market
Car Export: चीन, जर्मनी और जापान जैसे देश अभी लीड कर रहे हैं, लेकिन भारत भी अपनी दमदार ऑटो इंडस्ट्री और बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता के साथ इस रेस में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

Car Export: आज के समय में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी और अहम इंडस्ट्री में से एक बन चुकी है। इस क्षेत्र में चीन, जर्मनी और जापान जैसे देश अभी लीड कर रहे हैं, लेकिन भारत भी अपनी दमदार ऑटो इंडस्ट्री और बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता के साथ इस रेस में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। कई देश खासकर कार एक्सपोर्ट के मामले में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं, आइए जानते हैं...

चीन बना दुनिया का सबसे बड़ा कार निर्यातक
तेज़ उत्पादन क्षमता और बढ़ती इंटरनेशनल डिमांड के चलते चीन अब सबसे बड़ा कार एक्सपोर्टर बन गया है। उसने जर्मनी और जापान जैसे परंपरागत दिग्गजों को भी पीछे छोड़ दिया है।

जर्मनी और जापान का दबदबा बरकरार
जर्मनी, जो Mercedes-Benz, BMW और Volkswagen जैसी लग्ज़री ब्रांड्स का हब है, आज भी एक्सपोर्ट मार्केट में बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है। वहीं जापान, अपने भरोसेमंद ब्रांड्स जैसे Toyota, Honda और Nissan की बदौलत लंबे समय से शीर्ष पर बना हुआ है।

अन्य प्रमुख कार एक्सपोर्टिंग देश
अमेरिका – Ford और Tesla जैसी कंपनियों के साथ
दक्षिण कोरिया – Hyundai और Kia के दम पर
मैक्सिको – मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के चलते
इन देशों के अलावा बेल्जियम, स्पेन, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम भी टॉप 10 में शामिल हैं।

कार एक्सपोर्ट के टॉप 10 देश (आंकड़े):
रैंक देश एक्सपोर्ट वैल्यू ($ अरब) वार्षिक एक्सपोर्ट यूनिट्स
1 जर्मनी 177.2 3.11 मिलियन
2 जापान 110.9 4.42 मिलियन
3 चीन 77.7 5.22 मिलियन
4 दक्षिण कोरिया 68.3 2.8 मिलियन
5 अमेरिका 63 2.65 मिलियन
6 मैक्सिको 57.3 3.48 मिलियन
7 बेल्जियम 43.1 1.2 मिलियन
8 स्पेन 40.6 2.2 मिलियन
9 कनाडा 37.9 1.86 मिलियन
10 यूनाइटेड किंगडम 36.9 0.78 मिलियन

ये भी पढ़ें...पावर और प्रीमियम फीचर्स के साथ 200cc में 5 बाइकों की धूम, जानें डिटेल

भारत की स्थिति और संभावनाएं
भारत फिलहाल 23वें स्थान पर है, जहां से हर साल करीब 6.72 लाख यूनिट्स की कारें एक्सपोर्ट की जाती हैं, जिनकी कुल वैल्यू लगभग 6.7 अरब डॉलर होती है। मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी कंपनियां 'मेड इन इंडिया' वाहनों को दुनियाभर में पहचान दिला रही हैं।

सस्ती और कॉम्पैक्ट कारों की मांग
भारत की कारें खासतौर पर अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे उभरते बाजारों में लोकप्रिय हैं, जहां किफायती और टिकाऊ विकल्पों की ज़रूरत होती है।

ये भी पढ़ें...भारत में सिट्रोएन की 3 कारों के डार्क एडिशन लॉन्च, धोनी ने ली फर्स्ट डिलीवरी

भविष्य की दिशा
‘मेक इन इंडिया’ पहल, निवेश में वृद्धि और वैश्विक मांग को देखते हुए, आने वाले वर्षों में भारत की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है। अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो भारत जल्द ही टॉप 10 कार एक्सपोर्टिंग देशों में शामिल हो सकता है।

(मंजू कुमारी)

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story