Pahalgam attack: पुतिन ने पीएम मोदी से फोन पर की बात, पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की, भारत आने का निमंत्रण भी स्वीकारा
Putin-PM modi phone call: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार (5 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
Putin-PM modi phone call: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार (5 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। इस दौरान पुतिन ने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत को पूर्ण समर्थन देने की बात कही।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देगा रूस
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी की फोन पर बात की जानकारी दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, ''राष्ट्रपति पुतिन @KremlinRussia_E ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा समर्थन देने की बात कही। पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि इस जघन्य हमले के दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने 🇮🇳 🇷🇺 विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।''
President Putin @KremlinRussia_E called PM @narendramodi and strongly condemned the terror attack in Pahalgam, India. He conveyed deepest condolences on the loss of innocent lives and expressed full support to India in the fight against terrorism. He emphasised that the…
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) May 5, 2025
पीएम मोदी ने पुतिन को विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ की बधाई दी और साल के अंत में भारत में होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया, जिसे रूसी राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।
रूसी विदेश मंत्री ने एस जयशंकर से की बात
इससे पहले 3 मई को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से फोन पर बातचीत की थी और उन्होंने पहलगाम हमले की निंदा की थी। लावरोव ने दिल्ली-इस्लामाबाद के बीच मतभेदों का हल राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों से निकालने की वकालत की।