रूस के राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा: मोदी-पुतिन मीटिंग और 23वें शिखर सम्मेलन के 10 बड़े एजेंडे

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत पहुंच रहे हैं। जानें निजी डिनर, 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन, S-400, Su-57, ऊर्जा सहयोग और यूक्रेन संकट पर चर्चा सहित इस दौरे के 10 अहम अपडेट।

Updated On 2025-12-04 20:58:00 IST

 India Russia Relations

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज (4 दिसंबर 2025) भारत के दो दिवसीय राजकीय दौरे पर आ रहे हैं। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव, यूक्रेन संकट, ऊर्जा सुरक्षा और रक्षा सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के बीच यह यात्रा भारत–रूस साझेदारी को नई मजबूती देने वाली मानी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच होने वाला 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन इस दौरे का मुख्य आकर्षण होगा।

भारत और रूस पिछले 25 वर्षों से ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ साझा कर रहे हैं। यह दौरा न सिर्फ सुरक्षा और रक्षा संबंधों को और गहरा करेगा बल्कि ऊर्जा, व्यापार, विज्ञान, स्वास्थ्य, कृषि और सांस्कृतिक सहयोग जैसे क्षेत्रों पर भी बड़े फैसलों की नींव रखेगा।

पुतिन के साथ सात वरिष्ठ रूसी मंत्रियों वाला बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुंच रहा है, जो दर्शाता है कि इस यात्रा को दोनों देश कितनी अहमियत दे रहे हैं।

पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा: एजेंडा में क्या है खास? 10 बड़े पॉइंट्स में समझें

1. शाम 7 बजे नई दिल्ली आगमन और निजी डिनर

पुतिन शाम को नई दिल्ली पहुंचेंगे। इसके बाद पीएम मोदी उन्हें 7, लोक कल्याण मार्ग पर निजी डिनर देंगे। यह जुलाई 2024 में मोदी के मॉस्को दौरे के दौरान किए गए पुतिन के आतिथ्य का प्रत्युत्तर है। यह निजी मुलाकात दोनों नेताओं को औपचारिक वार्ताओं से पहले संबंधों को और मजबूत करने का अवसर देगी।

2. राजघाट पर गांधी स्मृति को श्रद्धांजलि

शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पुतिन राजघाट जाएंगे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। यह भारत भ्रमण पर आने वाले वैश्विक नेताओं के लिए एक महत्वपूर्ण परंपरा है।

3. 23वां वार्षिक भारत–रूस शिखर सम्मेलन

हैदराबाद हाउस में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में राजनीति, व्यापार, रक्षा, विज्ञान, संस्कृति और मानव विकास जैसे क्षेत्रों में साझेदारी की समीक्षा की जाएगी। पीएम मोदी रूसी प्रतिनिधिमंडल को कार्यकारी लंच भी देंगे।

4. रक्षा सौदों की तेज डिलीवरी पर फोकस

यूक्रेन युद्ध के कारण प्रभावित परियोजनाओं की डिलीवरी तेज करने पर भारत जोर देगा। ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम सहित कई संयुक्त रक्षा प्रोजेक्ट बैठक का मुख्य हिस्सा होंगे।

5. S-400 सिस्टम और S-500 पर संभावित चर्चा

पांच S-400 यूनिट्स में से तीन भारत को मिल चुके हैं। बाकी दो की डिलीवरी 2026 तक होने की संभावना है। दोनों देशों के रक्षा मंत्री S-500 जैसे उन्नत सिस्टम पर भी बातचीत कर सकते हैं।

6. Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट्स पर अपडेट

क्रेमलिन के अनुसार, भारत Su-57 की खरीद में रुचि दिखा सकता है। भारत अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को लेकर विकल्पों का मूल्यांकन कर रहा है।

7. ऊर्जा सहयोग और अमेरिकी प्रतिबंध

रूस ऊर्जा क्षेत्र में स्थिर तेल आपूर्ति जारी रखने का भरोसा देगा। दोनों देश 2025 तक व्यापार को 100 अरब डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने पर जोर देंगे।

8. रक्षा मंत्रियों की अलग बैठक

राजनाथ सिंह और रूसी रक्षा मंत्री संवेदनशील रक्षा परियोजनाओं पर विशेष वार्ता करेंगे। यह बैठक रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगी।

9. अमेरिका-भारत व्यापार तनाव के बीच भारत-रूस निकटता

अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ के बीच यह दौरा भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और बहुपक्षीय विदेश नीति को दर्शाता है।

10. यूक्रेन संकट पर चर्चा

पुतिन यूक्रेन युद्ध की ताजा स्थिति और अमेरिकी प्रयासों की जानकारी मोदी के साथ साझा करेंगे। भारत दोहराता रहा है कि समाधान कूटनीति के माध्यम से ही संभव है। इस दौरान व्यापार, मीडिया, स्वास्थ्य, कृषि और सांस्कृतिक आदान-प्रदान से जुड़े कई MoU साइन होने की संभावना है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुतिन के सम्मान में स्टेट बैनक्वेट भी आयोजित करेंगी। यह दौरा भारत–रूस संबंधों को नई ऊंचाई देने वाला साबित हो सकता है।

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