जेल में इमरान खान को मानसिक टॉर्चर: 20 मिनट की मुलाकात के बाद बहन उज्मा के गंभीर आरोप, मुनीर को जिम्मेदार ठहराया
इमरान खान से आदियाला जेल में मुलाकात के बाद बहन उज्मा खान ने आरोप लगाया कि उन्हें आर्मी चीफ के निर्देश पर मानसिक यातना दी जा रही है। PTI ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
Imran Khan ( file photo)
Imran Khan Health Update: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान से उनकी बहन उज्मा खान ने मंगलवार को रावलपिंडी की आदियाला जेल में मुलाकात की। करीब 20 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद उज्मा ने मीडिया को बताया कि भाई शारीरिक रूप से तो ठीक हैं, लेकिन उन्हें लगातार मानसिक यातना दी जा रही है।
उज्मा के मुताबिक, इमरान खान बहुत गुस्से में थे। उन्होंने कहा, ''मुझे किसी से मिलने नहीं दिया जाता, कोई कम्युनिकेशन नहीं है। यह सब मानसिक टॉर्चर है और इसके पीछे सीधे तौर पर आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर का हाथ है।''
पीटीआई के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर जारी वीडियो में उज्मा यह बातें मीडिया से कहती नजर आ रही हैं। जियो न्यूज के अनुसार, जेल गेट के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए उज्मा ने कहा कि वह अपनी दूसरी बहनों अलीमा खान और नोरीन खान से सलाह करने के बाद विस्तृत बयान देंगी।
पिछले कई हफ्तों से इमरान खान की सेहत और सुरक्षा को लेकर उनकी पार्टी और परिवार में गहरी चिंता बनी हुई थी। अदालत के साफ आदेशों के बावजूद न तो पार्टी नेताओं और न ही परिवार वालों को उनसे मिलने दिया जा रहा था। दोनों बेटों ने भी पिता की खैरियत को लेकर चिंता जताई थी।
इसी मुद्दे पर पीटीआई ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर धरना और फिर आदियाला जेल की तरफ मार्च करने का ऐलान किया था। इसी प्रस्तावित प्रदर्शन से एक दिन पहले मंगलवार को उज्मा को अचानक मुलाकात की इजाजत दे दी गई। डॉन अखबार के अनुसार यह जानकारी जेल प्रशासन ने ही दी थी।
प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 लगा दी गई थी। पिछले महीने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर (सोहेल अफरीदी नहीं) को भी लगातार आठवीं बार इमरान खान से मिलने से रोका गया था। उन्होंने 16 घंटे तक जेल के बाहर धरना दिया था। इसके बाद ही मंगलवार को बड़े प्रदर्शन का फैसला लिया गया था। उसी दबाव के चलते शायद प्रशासन को मुलाकात की इजाजत देनी पड़ी।
फिलहाल इमरान खान आदियाला जेल में कई मामलों में सजा काट रहे हैं और उनके समर्थक इसे राजनीतिक कैद मानते हैं।