Moscow: एस जयशंकर ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से की मुलाकात, भारत-रूस संबंधों पर हुई चर्चा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (21 अगस्त, 2025) को रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। दोनों के बीच भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा हुई। जयशंकर ने रूसी विदेश मंत्री लावरोव से भी मिले।
विदेश मंत्री एस जयशंकर और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात। (फोटो- 21 अगस्त, 2025)
Jaishankar meets putin: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों रूस की यात्रा पर हैं। वे वहां तीन दिन रहेंगे। गुरुवार (21 अगस्त 2025) को उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। यह मुलाकात उसी दिन हुई, जब जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक बातचीत की, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर लंबी चर्चा हुई।
जयशंकर का बयान
जयशंकर ने लावरोव के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमारा मानना है कि भारत और रूस के रिश्ते दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया के सबसे स्थिर रिश्तों में से एक हैं।" उन्होंने बताया कि भू-राजनीतिक एकता, नेताओं के संपर्क और जनता का समर्थन इन रिश्तों की मुख्य ताकत हैं।
रूस से तेल खरीद पर क्या बोले जयशंकर?
जयशंकर ने लावरोव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदने वाला देश नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया, "रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार चीन है। हम रूस का सबसे बड़ा LNG (प्राकृतिक गैस) खरीदार भी नहीं हैं, मुझे लगता है यह यूरोपीय संघ हो सकता है।"
उन्होंने आगे यह भी कहा कि 2022 के बाद रूस के साथ सबसे ज्यादा व्यापार वृद्धि हमारे देश की नहीं है। दक्षिण में कुछ देशों ने इससे ज्यादा व्यापार बढ़ाया है।
अमेरिका ने किया था समर्थन
जयशंकर ने बताया कि अमेरिका ने पिछले कुछ सालों में भारत से रूस से तेल खरीदने का समर्थन किया है, क्योंकि इससे विश्व ऊर्जा बाजार स्थिर रहता है। उन्होंने कहा, ''अमेरिका ने कहा था कि हमें विश्व ऊर्जा बाजार को स्थिर करने के लिए रूस से तेल खरीदना चाहिए।"
यह मुलाकात भारत और रूस के बीच मजबूत साझेदारी को और आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है। जयशंकर की मॉस्को यात्रा से दोनों देशों के बीच व्यापार और आपसी सहयोग को नई गति मिलने की उम्मीद है।