Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना को 6 माह की जेल, अवमानना के मामले में ICT ने सुनाया फैसला

Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया है। जानिए पूरा मामला, भारत में उनका ठिकाना और राजनीतिक असर।

Updated On 2025-07-02 15:11:00 IST

बांग्लादेश की पूर्व PM शेख हसीना को 6 माह की जेल, अवमानना के मामले में ICT ने सुनाया फैसला 

Sheikh Hasina Punishment : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना को बुधवार (2 जुलाई) को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अदालत की अवमानना के मामले में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, यह ऐतिहासिक फैसला ICT-1 की तीन सदस्यीय पीठ ने सुनाया, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार कर रहे थे।

इस केस में गैबांधा के शकील अकंद बुलबुल को भी दोषी पाते हुए दो महीने की जेल दी गई है। यह पहली बार है जब देश छोड़ने के बाद शेख हसीना को किसी मामले में दोषी करार दिया गया है।

क्या है मामला?
बांग्लादेश में 2024 के देशव्यापी जन आंदोलन में हजारों लोगों की गिरफ्तारी और हत्याओं को लेकर हसीना की सरकार पर मानवता के खिलाफ अपराध के आरोप लगे थे। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 15 जुलाई से 15 अगस्त 2024 के बीच हुए दमन में 1,400 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

ICT ने माना युद्ध अपराध
ICT के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने बताया कि हसीना की ओर से दिए गए आदेशों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर संगठित हमलों को जन्म दिया, जो युद्ध अपराध के दायरे में आते हैं। 

शेख हसीना के वकील बोले-
हसीना ने सभी आरोपों से इनकार किया है। उनके वकील आमिर हुसैन ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हम इन आरोपों से मुक्ति के लिए कानूनी अपील करेंगे। पूरी प्रक्रिया पूरी तरह राजनीत से प्रेरित है।

शेख हसीना ने भारत में ले रखा शरण
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अगस्त 2024 में सरकार गिरने के बाद भारत आ गईं हैं। फिलहाल वह नई दिल्ली के सुरक्षित ठिकाने पर रह रही हैं। भारत सरकार की ओर से इस मामले में कोई औपचारिक टिप्पणी नहीं की गई है।

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी असर
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के इस फैसले का बांग्लादेश की राजनीति में व्यापक असर देखने को मिल सकता है। क्योंकि, आगामी कुछ दिनों वहां आम चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में हसीना समर्थकों और आलोचकों के बीच संघर्ष गहरा कर सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो ये मामला क्षेत्रीय स्थिरता और भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी असर डाल सकता है।

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