उत्तराखंड में भारी बारिश: धराली कस्बा मलबे में तब्दील, 150 लापता, 5 शव मिले; सेना चला रही रेस्क्यू ऑपरेशन
उत्तराखंड में भारी बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। कई इलाकों में भूस्खलन और जलभराव की स्थिति बनी है। जानें राहत-बचाव कार्य, मौसम अलर्ट।
उत्तराखंड में भारी बारिश, धराली में सब तबाह; 150 लोग लापता, 5 के शव बरामद
Uttarakhand Rain Live Updates : उत्तराखंड में पिछले तीन दिन से जारी मूसलाधार बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन से लोग परेशान हैं। तो वहीं निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है। नदी-नालों का जलस्तर बढ़ने से अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों तक तेज बारिश की चेतावनी दी है।
हमारे रिपोर्टर्स ग्राउंड से पल-पल की ताजा जानकारी दे रहे हैं। राहत और बचाव कार्य, मौसम अपडेट, स्कूल बंदी, ट्रैफिक अलर्ट और स्थानीय प्रशासन की चेतावनियों की हर खबर लाइव ब्लॉग में पढ़िए।
Uttarakhand me bhari barish Live Updates: उत्तराखंड मौसम अपडेट
धराली आपदा से प्रभावित लोगों से मिले धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धराली आपदा से प्रभावित लोगों से मुलाकात की और विशेष रूप से प्रभावित बहनों से भेंट कर उनके दुख और साहस को महसूस किया। उन्होंने आपदा प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि इस संकट की घड़ी में सरकार और प्रशासन उनके साथ मजबूती से खड़े हैं। धामी ने कहा कि फंसे हुए प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षित निकालने तक राहत और बचाव कार्य निरंतर जारी रहेंगे। साथ ही, प्रभावित लोगों की हर जरूरत को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का आश्वासन दिया गया, ताकि उन्हें इस मुश्किल समय में हरसंभव सहायता मिल सके।
उत्तरकाशी के हर्षिल से बचाए गए 35 लोगों को भारतीय वायुसेना के चिनूक विमान से जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर उतारा गया।
उत्तरकाशी: भटवाड़ी में गंगोत्री हाईवे पर आवागमन शुरू
उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी में गंगोत्री हाईवे पर मलवा और पत्थर आने के कारण 5 अगस्त 2025 की रात से बंद मार्ग को अब खोल दिया गया है, और आवाजाही सुचारू हो गई है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सड़क का लगभग 150 मीटर हिस्सा धंस गया था, जिससे धराली और हर्षिल जैसे क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही थी।
बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) और अन्य टीमें मलवा हटाने और सड़क को पुनः खोलने में जुटी थीं। अब मार्ग खुलने से रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आएगी, विशेष रूप से गंगोत्री में फंसे लगभग 400 लोगों को हर्षिल लाने और वहां से चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों द्वारा एयरलिफ्ट करने की प्रक्रिया में सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने रेस्क्यू अभियान की समीक्षा की
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार सुबह उत्तरकाशी में NDRF, SDRF व प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात कर धराली क्षेत्र में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने हेली रेस्क्यू ऑपरेशन को और प्रभावी बनाने जरूरी निर्देश दिए। साथ ही सड़क, संचार, बिजली, पेयजल और खाद्यान्न आपूर्ति की त्वरित बहाली पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री धामी ने आपदा में 24 घंटे जुटी सभी टीमों के साहस और समर्पण की सराहना की। कहा, विषम परिस्थितियों में इन दलों की निष्ठा और कार्यकुशलता आपदा प्रबंधन में अनुकरणीय उदाहरण है। राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति तक सहायता पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तरकाशी: 61 लोगों को आईटीबीपी मातली शिफ्ट किया
उत्तरकाशी के धराली में सुबह 61 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। SDRF और प्रशासन की संयुक्त टीमों ने भारी बारिश और खराब मौसम के बीच सुबह 10 बजे तक 61 लोगों को हेली से आईटीबीपी मातली शिफ्ट किया है। रेस्क्यू किए गए लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के प्रबंध भी किए गए हैं।
धराली त्रासदी: एयरफोर्स ने संभाला मोर्चा, बचाव कार्य में जुटी टीमें
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले के धाराली और हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने और बाढ़ के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। भारतीय वायुसेना (IAF) के 2 चिनूक, 2 एमआई-17, और उत्तराखंड सरकार (यूकाड़ा) के 6 हेलीकॉप्टरों के साथ बचाव कार्य में जुटी हुई है। कल से यूकाड़ा के 2 अतिरिक्त हेलीकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होंगे।
रेस्क्यू और चिकित्सा: मातली लाए गए लोगों में से 3 की हालत गंभीर थी, जिन्हें AIIMS ऋषिकेश भेजा गया। 2 घायलों को MH देहरादून और 8 घायलों को जिला चिकित्सालय उत्तरकाशी में भर्ती किया गया है।
गंगोत्री में फंसे लोग: गंगोत्री में लगभग 400 लोग फंसे हुए हैं। इन्हें पहले हर्षिल लाया जाएगा, जहां से चिनूक और एमआई-17 हेलीकॉप्टरों के जरिए एयरलिफ्ट किया जाएगा।
राहत सामग्री: आज 2000 फूड पैकेट हर्षिल भेजे गए। खाद्य और आपूर्ति विभाग (फूड एंड सप्लाई) द्वारा नियमित रूप से ड्राई राशन के अन्य पैक तैयार कर भेजे जा रहे हैं।
लापता जवान: भारतीय सेना के 9 जवान अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए ड्रोन और रेस्क्यू डॉग्स का उपयोग किया जा रहा है।