किसानों की बल्ले-बल्ले: योगी सरकार ने बढ़ाया गन्ने का मूल्य, 46 लाख किसानों को होगा सीधा फायदा
योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को बड़ी राहत दी है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने का दाम ₹30 प्रति कुंतल बढ़ाया गया है। अब अगेती प्रजाति ₹400 और सामान्य ₹390 प्रति कुंतल मिलेगी। इस फैसले से 46 लाख किसानों को ₹3,000 करोड़ का फायदा होगा।
योगी सरकार ने बढ़ाया गन्ने का मूल्य, 46 लाख किसानों को होगा सीधा फायदा.
लखनऊ :लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना किसानों को एक बार फिर जबरदस्त तोहफा दिया है। योगी सरकार ने गन्ने के दाम में वृद्धि करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में 30 प्रति कुंतल की वृद्धि ऐलान किया गया है। यह जानकारी बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने लोकभवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
राज्य के गन्ना किसानों को अब सीधे तौर पर 3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान सुनिश्चित होगा। इस फैसले से राज्य के 46 लाख किसानों को सीधा फायदा होगा। बात दें कि योगी सरकार ने 2017 से लेकर अब तक लगातार चार बार गन्ना समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है।
इस नवीनतम वृद्धि के बाद, गन्ना मूल्य अगेती प्रजाति के लिए 400 प्रति कुंतल और सामान्य प्रजाति के लिए 390 प्रति कुंतल हो जाएगा। सरकार का यह कदम केवल मूल्य वृद्धि तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने चीनी उद्योग के प्रबंधन और पारदर्शिता में भी क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं, जिसके चलते उत्तर प्रदेश आज देश में गन्ना और एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में शीर्ष पर खड़ा है।
रिकॉर्ड भुगतान और पिछली सरकारों से तुलना
योगी सरकार ने गन्ना मूल्य के भुगतान में एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड कायम किया है। पिछले साढ़े 08 वर्षों में, गन्ना किसानों को 2,90,225 करोड़ का भुगतान किया गया है। यह राशि पिछली सरकारों के 10 वर्षों के भुगतान की तुलना में 1,42,879 करोड़ अधिक है।
तुलनात्मक रूप से देखें तो, 2007 से 2017 तक की पिछली सरकारों के 10 वर्षों में किसानों को मात्र 1,47,346 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान हो सका था। सरकार गन्ना मूल्य भुगतान सीधे डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में भेज रही है, जिससे बिचौलियों का राज पूरी तरह से खत्म हो गया है। भुगतान की यह रिकॉर्ड गति और राशि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान कर रही है।
चीनी मिलों का कायाकल्प और उद्योग में निवेश
योगी सरकार ने चीनी उद्योग को पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया और पारदर्शी प्रबंधन के बल पर इसमें 12,000 करोड़ का रिकॉर्ड निवेश आकर्षित किया है। वर्तमान में, प्रदेश में 122 चीनी मिलें संचालित हैं, जिससे उत्तर प्रदेश देश में दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य बन गया है।
केवल 08 वर्षों में, 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गईं, 6 बंद मिलों को पुनः शुरू किया गया, और 42 मिलों में क्षमता विस्तार किया गया है। इन प्रयासों से 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि हुई है।
तकनीकी क्रांति-'स्मार्ट गन्ना किसान' प्रणाली
गन्ना किसानों की समस्याओं के मूल कारण, यानी पर्ची वितरण में होने वाले भ्रष्टाचार और बिचौलियों के हस्तक्षेप को समाप्त करने के लिए, योगी सरकार ने तकनीकी क्रांति का सहारा लिया है। सेंट्रलाइज्ड वेब-बेस्ड "स्मार्ट गन्ना किसान" प्रणाली को विकसित किया गया है। इस प्रणाली ने गन्ना पर्ची व्यवस्था को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है।
गन्ना क्षेत्रफल, गन्ना सट्टा, गन्ना कलेण्डरिंग और गन्ना पर्ची की पूरी व्यवस्था अब इस केंद्रीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से होती है। यह पारदर्शी व्यवस्था बिचौलियों के राज को खत्म करने में मील का पत्थर साबित हुई है।
इस "स्मार्ट गन्ना किसान" प्रणाली को भारत सरकार द्वारा एक "मॉडल सिस्टम" के रूप में भी सराहा गया है, जो इसकी प्रभावशीलता और नवाचार को प्रमाणित करता है।
एथेनॉल उत्पादन और गन्ना क्षेत्रफल में ऐतिहासिक वृद्धि
उत्तर प्रदेश ने गन्ना और चीनी उत्पादन के साथ-साथ एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में भी देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। प्रदेश में एथेनॉल का उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर तक पहुंच गया है, और आसवनियों की संख्या 61 से बढ़कर 97 हो गई है। गन्ना का क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेअर से बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेअर हो गया है, जिससे उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर आ गया है।