$1 ट्रिलियन इकोनॉमी का लक्ष्य: निवेश का नया ग्लोबल हब बना यूपी, 6500 करोड़ के नए प्रस्तावों से बदलेगी तस्वीर
विनिर्माण, ग्रीन एनर्जी और फार्मा जैसे क्षेत्रों में आए ये प्रस्ताव राज्य को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में अहम हैं।
जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के साथ यूपी की ग्लोबल कनेक्टिविटी भी मजबूत हुई है।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश अब वैश्विक निवेशकों के लिए भरोसे और सुरक्षा का सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हाल ही में देश-विदेश की 25 बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने प्रदेश की विकास नीतियों की सराहना करते हुए 6500 करोड़ के नए निवेश प्रस्तावों पर मुहर लगाई।
यह निवेश राज्य के औद्योगिक परिदृश्य को बदलने और युवाओं के लिए रोजगार के हजारों अवसर पैदा करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
कानून-व्यवस्था और माफिया मुक्त माहौल ने जीता भरोसा
मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने अपनी छवि को पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आज प्रदेश में कानून का राज है और माफिया राज का अंत हो चुका है, जिससे निवेशक अपनी पूंजी को यहां पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
2017 से पहले जो प्रदेश अराजकता के लिए जाना जाता था, आज वही यूपी निवेश के लिए देश का सबसे पसंदीदा राज्य बन गया है।
प्रमुख सेक्टर्स में 6500 करोड़ का बड़ा निवेश
डब्ल्यूएमजी ग्रुप के साथ आए 45 शीर्ष अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश की क्षमता को देखते हुए विनिर्माण, ग्रीन एनर्जी, बायो-रिफाइनरी और फार्मास्युटिकल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश की इच्छा जताई है।
6500 करोड़ के ये प्रस्ताव न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देंगे, बल्कि उत्तर प्रदेश को देश की $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के करीब ले जाएंगे।
एक्सप्रेसवे और एयर कनेक्टिविटी का जाल
उत्तर प्रदेश आज देश का 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' बन चुका है, जहाँ देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 55 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है। 5 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और जेवर में बन रहे एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट के साथ यूपी की ग्लोबल कनेक्टिविटी बेहद मजबूत हुई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि बेहतर सड़कों और रेल नेटवर्क की वजह से उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स की लागत कम हुई है, जो निवेशकों के लिए एक बड़ा प्लस पॉइंट है।
पारदर्शी नीतियां और सिंगल विंडो सिस्टम
निवेशकों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने 'इन्वेस्ट यूपी' जैसी संस्थाओं के माध्यम से प्रक्रियाओं को बेहद सरल और पारदर्शी बनाया है।
ऑनलाइन इंसेंटिव मैनेजमेंट सिस्टम और सिंगल विंडो क्लीयरेंस के कारण अब उद्यमियों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। सरकार की इन्वेस्टर-फ्रेंडली नीतियों का ही नतीजा है कि आज बेल्जियम, जापान और अमेरिका जैसे देशों की कंपनियां उत्तर प्रदेश में अपना भविष्य देख रही हैं।