यूपी विधानसभा शीतकालीन सत्र आज से: कोडीन और एसआईआर पर संग्राम के आसार!
विपक्ष ने कोडीन सिरप विवाद, मतदाता सूची पुनरीक्षण और कानून-व्यवस्था पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की है, जिससे सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं।
इस सत्र में 8 महत्वपूर्ण विधेयकों को कानून बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज, 19 दिसंबर 2025 से शुरू हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि यह सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है।
एक ओर जहां सरकार अनुपूरक बजट और महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने कोडीन सिरप विवाद, एसआईआर और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर सरकार को सदन में घेरने की पूरी रणनीति बना ली है। सत्र की शुरुआत दिवंगत सदस्य सुधाकर सिंह को श्रद्धांजलि देने के साथ होगी।
छह दिवसीय सत्र का पूरा कार्यक्रम और विधायी कार्य
विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, यह सत्र 19 दिसंबर से शुरू होकर 24 दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन शोक प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी जाएगी, जिसके बाद शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा।
सोमवार, 22 दिसंबर को सरकार सदन में वित्तीय वर्ष 2025-26 का अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसी दिन 'वंदे मातरम्' विषय पर विशेष चर्चा भी प्रस्तावित है।
सत्र के अंतिम दो दिनों में अनुपूरक बजट पर चर्चा, उसे पारित करने और करीब 8 महत्वपूर्ण विधेयकों को कानून बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
कोडीन सिरप और एसआईआर (SIR) पर विपक्ष का कड़ा रुख
इस सत्र में सबसे ज्यादा हंगामा कोडीन आधारित कफ सिरप की तस्करी और मतदाता सूची के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण को लेकर होने की संभावना है।
समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि एसआईआर के नाम पर एक खास वर्ग के वोट काटे जा रहे हैं। वहीं, कोडीन सिरप के मुद्दे पर विपक्ष सरकार की प्रशासनिक विफलता को उजागर करने की तैयारी में है।
विपक्ष का कहना है कि वे इन संवेदनशील मुद्दों पर सदन में स्थगन प्रस्ताव लाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।
अनुपूरक बजट और नई योजनाओं के लिए फंड का प्रावधान
योगी सरकार इस सत्र में भारी-भरकम अनुपूरक बजट पेश करने जा रही है। इस बजट में मुख्य रूप से महाकुंभ 2025 की अंतिम चरण की तैयारियों, एक्सप्रेसवे परियोजनाओं की गति बढ़ाने और आगामी चुनाव को देखते हुए कुछ नई लोक-कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन का आवंटन किया जा सकता है।
इसके अलावा, युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कुछ विशेष प्रोजेक्ट्स को भी इस बजट के जरिए वित्तीय मजबूती दी जाएगी।
सदन में पेश होंगे आठ महत्वपूर्ण अध्यादेश और विधेयक
सदन की कार्यवाही के दौरान सरकार उन 8 अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पेश करेगी, जो पिछले सत्र के बाद लागू किए गए थे। इनमें 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) अध्यादेश' और 'उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अध्यादेश' जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं।
सरकार की प्राथमिकता इन विधेयकों को बिना किसी देरी के पारित कराना है, जबकि विपक्ष ने संकेत दिया है कि वे इन विधेयकों के कुछ प्रावधानों पर कड़ा विरोध दर्ज कराएंगे।