यूपी में मौसम का 'रेड अलर्ट: बनारस शिमला-मनाली से भी ठंडा, 20 जिलों में घने कोहरे की चेतावनी
कोहरे के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित है और अगले तीन दिनों तक कड़ाके की ठंड से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
भीषण कोहरे का सबसे बुरा असर परिवहन सेवाओं पर पड़ा है।
वाराणसी : उत्तर प्रदेश में कुदरत का दोहरा प्रहार जारी है, जहां एक तरफ बर्फीली हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है, वहीं दूसरी तरफ घने कोहरे ने पूरे प्रदेश को अपनी आगोश में ले लिया है।
मौसम विभाग ने राज्य के हालात को देखते हुए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसका सबसे ज्यादा असर पूर्वांचल और मध्य यूपी के जिलों में देखने को मिल रहा है।
बनारस में तापमान में आई ऐतिहासिक गिरावट ने पिछले कई वर्षों के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन ने लोगों को अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने और ठंड से बचाव के पुख्ता इंतजाम करने की सलाह दी है।
बनारस में पहाड़ों जैसी ठंड और तापमान में भारी गिरावट
वाराणसी यानी बनारस में इस समय रिकॉर्ड तोड़ ठंड पड़ रही है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में यहां का अधिकतम तापमान सामान्य से 10 से 12 डिग्री नीचे गिरकर महज 14-15 डिग्री सेल्सियस के आसपास सिमट गया है।
स्थिति यह है कि दिन के समय भी लोग ठिठुरने पर मजबूर हैं और बनारस का तापमान शिमला और मनाली जैसे हिल स्टेशनों से भी कम दर्ज किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालय से आने वाली सीधी बर्फीली हवाओं और आसमान में बने घने बादलों के कारण धूप धरती तक नहीं पहुंच पा रही है, जिससे 'डे कोल्ड' की स्थिति गंभीर हो गई है।
20 जिलों के लिए रेड अलर्ट और कोहरे का जबरदस्त पहरा
आईएमडी ने उत्तर प्रदेश के 20 प्रमुख जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जिनमें प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ जैसे बड़े शहर शामिल हैं।
इन इलाकों में 'अत्यधिक घना कोहरा' रहने का अनुमान है, जिससे विजिबिलिटी 0 से 50 मीटर के बीच रह सकती है। रेड अलर्ट का मतलब है कि मौसम की स्थिति खतरनाक है और लोगों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वांचल तक फैले इस कोहरे के बेल्ट ने पूरे राज्य की रफ्तार को थाम दिया है, और आने वाले 72 घंटों तक इसमें किसी बड़े सुधार की उम्मीद नहीं जताई गई है।
रेल, सड़क और हवाई यातायात पर लगा ब्रेक
भीषण कोहरे का सबसे बुरा असर परिवहन सेवाओं पर पड़ा है। प्रदेश के विभिन्न हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर दृश्यता कम होने के कारण वाहनों की गति बेहद धीमी हो गई है, जिससे कई जगहों पर सड़क दुर्घटनाओं की खबरें भी आ रही हैं।
भारतीय रेलवे की दर्जनों ट्रेनें अपने निर्धारित समय से 5 से 10 घंटे की देरी से चल रही हैं, जबकि लखनऊ और वाराणसी एयरपोर्ट पर कई फ्लाइट्स को डायवर्ट करना पड़ा है या उनके समय में बदलाव किया गया है।
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे घर से निकलने से पहले अपनी ट्रेन या फ्लाइट का स्टेटस जरूर चेक कर लें।
आगामी तीन दिनों का पूर्वानुमान और स्वास्थ्य चेतावनी
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगले तीन दिनों तक उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में धूप निकलने के आसार कम हैं।
पछुआ हवाओं की गति बढ़ने से कनकनी और बढ़ेगी, जिससे न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस मौसम को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया है, क्योंकि अत्यधिक ठंड के कारण हृदय रोग और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं और नगर निगमों को विभिन्न चौराहों पर अलाव की व्यवस्था तेज करने को कहा गया है।