'सपा और माफियाओं का पुराना है गठजोड़': जहरीले कफ सिरप कांड पर सीएम योगी ने विपक्षी दल पर साधा निशाना!
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले इस नशे के सिंडिकेट को खत्म करने के लिए SIT गठित की है और अब तक सैकड़ों ठिकानों पर छापेमारी कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की है।
सीएम योगी ने कहा इस अवैध नेटवर्क के तार कथित तौर पर समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अवैध और जहरीले कफ सिरप के काले कारोबार ने प्रदेश की राजनीति में हड़कंप मचा दिया है। आज यूपी विधानसभा सत्र के पहले दिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर अपने रुख स्पष्ट किया उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
जांच के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि इस अवैध नेटवर्क के तार कथित तौर पर समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। सरकार ने इसे केवल एक अपराध नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ साजिश करार दिया है।
सपा और माफियाओं के बीच सांठगांठ का आरोप
मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कफ सिरप कांड में जो अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं, उनके गहरे संबंध समाजवादी पार्टी के माफिया तंत्र से हैं।
जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इन अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था, जिसकी आड़ में वे लंबे समय से जहरीली दवाओं का अवैध कारोबार कर रहे थे।
उन्होंने स्पष्ट किया कि 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत इन माफियाओं की संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा और इनके पूरे सिंडिकेट को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला अवैध नेटवर्क
जांच एजेंसियों के मुताबिक, यह कफ सिरप घोटाला केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है। कोडीन युक्त इन जहरीले सिरप की तस्करी नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी की जा रही थी।
माफियाओं ने एक ऐसा समानांतर नेटवर्क खड़ा कर लिया था, जहां दवाओं को जीवन रक्षक के बजाय नशे के रूप में ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था।
एसटीएफ अब इस बात की तफ्तीश कर रही है कि इस अंतरराष्ट्रीय तस्करी में और कौन-से बड़े चेहरे शामिल हैं।
प्रदेश भर में ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारियां
इस कांड के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे प्रदेश में विशेष अभियान छेड़ दिया है। अब तक 50 से अधिक जिलों में 300 से ज्यादा संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है।
इस कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में अवैध कफ सिरप बरामद किया गया है और 133 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं।
कई दवा विक्रेताओं और स्टॉकिस्टों के लाइसेंस तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं ताकि इस अवैध सप्लाई चेन को पूरी तरह से तोड़ा जा सके।
एसआईटी जांच और कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने इस पूरे मामले की तह तक जाने के लिए एक उच्च स्तरीय एसआईटी का गठन किया है। यह टीम न केवल गिरफ्तार अभियुक्तों के राजनीतिक संबंधों की जांच करेगी, बल्कि दवा विभाग में मौजूद उन विभीषणों की भी पहचान करेगी जिन्होंने इन माफियाओं की मदद की।
सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में शामिल दोषियों पर रासुका जैसी कड़ी धाराओं के तहत कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह के अमानवीय कृत्य की हिम्मत न कर सके।