अजीबो-गरीब: UP के एक गांव की 40 कुंवारी लड़कियां एक साथ गर्भवती, मैसेज मिलते ही मचा हड़कंप

उत्तरप्रदेश के वाराणसी में चौंकाने वाली घटना हो गई। एक गांव की 40 कुंवारी लड़कियों को गर्भवती होने का मैसेज मिलते ही हड़कंप मच गया। जानें आखिर कैसे ऐसा हुआ?

Updated On 2024-11-09 14:16:00 IST
Uttar Pradesh News

Uttar Pradesh News: उत्तरप्रदेश के वाराणसी में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। 40 कुंवारी लड़कियों को गर्भवती होने का मैसेज मिलते ही हड़कंप मच गया। दिवाली पर मोबाइल पर आए 'बधाई संदेश' ने लड़कियों के होश उड़ा दिए। उत्तरप्रदेश सरकार के इस कारनामे ने लड़कियों के परिजनों को भी हैरत में डाल दिया। गांव से लेकर जिला प्रशासन तक सनसनी फैल गई। अधिकारियों तक बात पहुंची तो मामले की जांच हुई। जांच में खुलासा हुआ कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की गलती ऐसा कांड हुआ है। मुख्‍य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने इसे गलती माना और जांच के आदेश दिए हैं।

जानें मैसेज में क्या लिखा था 
वाराणसी के गंगा तट के पास स्थित रमना गांव में रहने वाली 40 कुंवारी लड़कियों के मोबाइल पर एक मैसेज आया। बाल विकास मंत्रालय की ओर से पुष्‍टाहार योजना के तहत भेजे गए मैसेज में लिखा था कि 'पोषण ट्रैकर में आप का स्वागत है। एक स्तनपान कराने वाली मां के रूप में आप हॉटकुक्ड मील या राशन, परामर्श, बाल स्वास्थ्य निगरानी और ग्रहभ्रमण के माध्यम से स्तनपान जैसी सेवाओं का लाभ आगनबाड़ी केंद्र की सहायता से उठा सकती हैं। मैसे मिलते ही लड़कियों के होश उड़ गए। 

कैसे हुई गलती?
मैसेज मिलने के बाद लड़कियों ने परिजनों ने शिकायत की। परिजन के लोगों ने तत्‍काल सरपंच से मामले की शिकायत की। उच्‍चाधिकारियों तक मामला पहुंचा तो जांच शुरू हुई। शुरुआती जांच में सामने आया है कि गांव में 18 साल से अधिक आयु के युवक-युवती का आधार इकठ्ठा कर उनका नाम वोटर लिस्ट में जोड़ने किया जा रहा है। इन लड़कियों और गर्भवती महिलाओं के फार्म आपस में मिल गए।  आगनबाड़ी कार्यकर्ता से गलती हुई और लड़कियों को मैसेज चला गया। सीडीओ ने इसे गलती माना और कहा कि सभी कुंआरी लड़कियों का डाटा उस पोर्टल से डिलीट करवा दिया है।  

जल्‍द ही दोषियों पर कार्रवाई होगी
रमना गांव की 40 कुंवारी लड़कियों का पंजीकरण गर्भवती महिलाओं के पोर्टल पर हो गया। रजिस्ट्रेशन होने से दिवाली पर बाल विकास मंत्रालय से लड़कियों को एक मैसेज मिला है। ऐसी शिकायत मिलने के बाद सीडीओ हिमांशु नागपाल ने जांच कराई तो बड़ी गलती सामने आई। सीडीओ हिमांशु ने खुद गलती को स्वीकार किया। उनका कहना है कि अभी तक की जांच में पता चला है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बीएलओ का भी काम करती है। वह गर्भवती और छोटे बच्‍चों को पुष्‍टाहार वितरण के साथ बीएलओ का भी काम करती हैं। गलती से लड़कियों का नाम पोर्टल पर चढ़ गया। जैसे ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पता चला उन्‍होंने लड़कियों का डाटा डिलीट कर दिया है। आगे की जांच जारी है। जल्‍द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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